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भारत से निकलना चाह रही सिंगापुर की GIC! 4.2 अरब डॉलर में बेचना चाहती है Greenko की 58% हिस्सेदारी

शेयर बाजार की उठापटक और वैल्यूएशन विवाद के चलते डील अटकी, JSW समेत कई दिग्गजों से बात लेकिन अब तक सौदा नहीं पक्का

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देव चटर्जी   
Last Updated- May 01, 2025 | 11:57 PM IST

सिंगापुर की सॉवरिन वेल्थ फंड इकाई जीआईसी भारत की अक्षय ऊर्जा कंपनी ग्रीनको एनर्जी में अपनी 58 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाह रही मगर शेयर बाजार में उथल-पुथल और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में मूल्यांकन में बदलाव से सौदे में देर हो रही है। घटनाक्रम से अवगत लोगों ने इसकी जानकारी दी।

बैंकरों का कहना है कि जीआईसी ने 4.2 अरब डॉलर के मूल्यांकन के साथ कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए जेएसडब्ल्यू समूह सहित विभिन्न कंपनियों से संपर्क किया है। ग्रीनको एनर्जी देश की अग्रणी अक्षय ऊर्जा कंपनियों में से एक है। कंपनी की वेबसाइट पर दी गई सूचना के अनुसार देश के 20 राज्यों में इसकी कुल स्थापित क्षमता 11 गीगावाॅट है। इस बारे में जानकारी के लिए जीआईसी और जेएसडब्ल्यू समूह से संपर्क किया गया मगर उन्होंने टिप्पणी करने से मना कर दिया। जेएसडब्ल्यू समूह के एक सूत्र ने कहा कि समूह फिलहाल 16,000 करोड़ रुपये में केएसके एनर्जी और 12,468 करोड़ रुपये की लागत से ओ2पावर का अधिग्रहण करने में व्यस्त है। इसलिए समूह फिलहाल किसी नई संपत्ति के अधिग्रहण की संभावना नहीं देख रहा है।

जीआईसी पिछले साल अक्टूबर से ही 5 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर अपनी हिस्सेदारी बेचना चाह रही थी। संभावित बोलीदाताओं में से एक ने कहा कि बैंकरों ने उनसे संपर्क किया था मगर पिछले साल सितंबर में शेयर बाजार में गिरावट को देखते हुए कंपनी का मूल्यांकन काफी ज्यादा है।

इस साल जनवरी में जापान की ओरिक्स कॉरपोरेशन ने ग्रीनको एनर्जी होल्डिंग्स में अपनी 20 फीसदी हिस्सेदारी एएम ग्रीन पावर को 1.46 अरब डॉलर में बेची थी। ओरिक्स और जीआईसी के अलावा आबु धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी के पास ग्रीनको एनर्जी में 14.5 फीसदी हिस्सेदारी है। बाकी शेयर कंपनी के संस्थापकों के पास है।

जीआईसी 30 साल से भी लंबे समय से भारत में निवेश कर रही है। बीते 5 साल में इस सॉवरिन वेल्थ फंड ने देश में अपना निवेश दोगुना बढ़ा लिया है और यह देश के सबसे बड़े निवेशकों में से एक है। इसने वित्तीय सेवा क्षेत्र में करीब 20 अरब डॉलर का निवेश किया है। रियल एस्टेट, बुनियादी ढांचा क्षेत्र, उपभोक्ता उत्पाद, दूरसंचार, तकनीक और स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में भी जीआईसी का निवेश है।

First Published : May 1, 2025 | 11:57 PM IST