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सहायक फर्म में हिस्सा बेचेगा शापूरजी समूह

Last Updated- December 15, 2022 | 2:14 AM IST

टाटा समूह के आड़े आने के बाद शापूरजी पलोनजी (एस पी) समूह को रकम जुटाने के लिए हिस्सेदारी बेचने सहित दूसरे विकल्पों का सहारा लेना पड़ सकता है। पहले समूह टाटा संस के शेयर गिरवी रख कर रकम जुटाने की योजना बना रहा था, लेकिन टाटा इस पहल के खिलाफ शीर्ष न्यायालय पहुंच गया है।
ऐसे में शापूरजी पलोनजी रकम जुटाने के लिए अपनी सहायक इकाई स्टर्लिंग ऐंड विल्सन में हिस्सेदारी बेच सकता है या देश में अपने भूखंड निपटा सकता है। इसके अलावा कंपनी के पास परियोजना स्तर पर कर्ज पुनर्गठन का भी विकल्प है।  समूह ने अपनी सहायक इकाई स्टर्लिंग ऐंड विल्सन से इस वर्ष जून में 500 करोड़ रुपये ऋण लिया था, लेकिन यह इसे चुकाने में विफल रहा है। सूत्रों ने कहा कि समूह अब कर्ज पुनर्गठन के लिए आवेदन कर सकता है।
एस पी समूह टाटा संस के अपने शेयर का कुछ हिस्सा गिरवी लगाकर कनाडा की वित्तीय इकाई ब्रुकफील्ड से 3,750 करोड़ रुपये रकम जुटाना चाह रहा था। समूह की इस योजना का टाटा समूह ने विरोध किया और उच्चतम न्यायालय में अपील दायर कर दी। इसके अब एस पी समूह के पास दूसरे विकल्पों पर विचार करना पड़ रहा है।
एस पी समूह ने कहा कि ब्रुकफील्ड के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने के एक दिन बाद ही टाटा संस उच्चतम न्यायालय चली गई थी। मिस्त्री परिवार की टाटा संस में 18.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि शेष हिस्सा टाटा ट्रस्ट और टाटा समूह की कंपनियों के पास है। मिस्त्री के शेयर पर पहला निर्णय लेने का अधिकार टाटा समूह के पास है और इसने कहा कि उसकी अनुमति के बिना मिस्त्री परिवार टाटा संस के शेयर गिरवी नहीं रख सकता है। बैंकरों ने कहा कि ब्रुकफील्ड के साथ सौदा विवाद में फंस जाएगा, इसलिए समूह को परिसंपत्तियां बेचने के विकल्प तलाशने होंगे।

First Published - September 13, 2020 | 11:01 PM IST

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