आंध्रप्रदेश की सीआईडी ने रविवार को सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के कार्यालयो और कंपनी के पुराने निदेशक मंडल के सदस्यो के निवास पर छापे मारे।
अधिकारियों ने कहा कि देश के अन्य भागों में स्थित सत्यम के कार्यालयों पर भी छापा मारा जाएगा।
राजू को कर्ज देने वाले भी हुए बर्बाद
सत्यम के संस्थापक बी. रामलिंग राजू ने खातों में हेराफेरी के खुलासे से बहुत पहले शेयर गिरवी रखकर 1,230 करोड़ रुपये जुटाए थे, जिनकी कीमत अब सिर्फ 66 करोड़ रुपये रह गई है।
स्टॉक एक्सचेंजों में उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, एसआरएसआर होल्डिंग के जरिए कंपनी के प्रर्वतकों के शेयर 1,230 करोड़ रुपये में गिरवी रखे गए थे।
शेयरों को गिरवी रखने की प्रक्रिया सितंबर 2006 में शुरू हुई थी, जब प्रवर्तक इकाई एसआरएसआर होल्डिंग के पास 2.78 करोड़ शेयर थे, जो कंपनी के कुल शेयरों के 8. 51 हिस्सेदारी के बराबर थे।
सितंबर 2006 के अंत में इन शेयरों की कीमत 2,275 करोड़ रुपये थी, जब सत्यम का एक शेयर 818 रुपये का था। हालांकि मौजूदा कीमत 23.85 रुपये प्रति शेयर के आधार पर
गिरवी रखे गए इन शेयरों की कीमत 66 करोड़ रुपये रह गई है। दरअसल, 7 जनवरी को कंपनी में घोटाले के खुलासे से सत्यम के शेयरों में गिरावट का रुख बना हुआ है।
ऑडिट कंपनी प्राइस वाटरहाउस ने इस बात से इनकार किया कि सत्यम वित्तीय घोटाले के मामले में उसके प्रतिनिधि को आंध्रप्रदेश पुलिस ने हिरासत में लिया है।
कंपनी के प्रतिनिधि गोपाल कृष्णन को हिरासत में लिए जाने के बारे में आई खबरों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए ऑडिट कंपनी ने कहा कि वह हिरासत में नहीं हैं।
इससे पहले खबर आई थी कि कृष्णन को राजू द्वारा कंपनी में किए गए 7,800 करोड़ रुपये के खुलासे के संबंध में गिरफ्तार किया गया है।
मैनमपति पर भी है शक की सुई!
सत्यम कंप्यूटर के कार्यवाहक अध्यक्ष राम मैनमपति को मिलने वाले वेतन से यही लगता है कि वह कंपनी की सबसे मूल्यवान संपत्ति थे। उनका वेतन कंपनी में हेरा-फेरी की जांच कर रही नियामक और जांच एजेंसियो के लिए गौर करने का एक बड़ा विषय हो सकता है।
इस विशाल आईटी कंपनी के संस्थापक बी. रामलिंग राजू और सारे निदेशकों को कुल जितना वेतन मिलता था, उससे अधिक अकेले मैनमपति को मिलता था। मैनमपति को मार्च 2008 को समाप्त वर्ष में 3.5 करोड़ रुपये मिलते थे। अन्य सदस्यो के वेतन से करीब एक करोड़ रुपये का फासला था।
मर्चेंट बैंकर भी दायरे में
सत्यम कंप्यूटर के अलावा इससे जुड़े मर्र्चेंट बैंकर भी बाजार नियामक सेबी के जांच के दायरे में आ गए हैं। सेबी के महाप्रबंधक ए.सुनील कुमार इसकी जांच कर रहे हैं। उनसे इस बाबत जल्द से जल्द अपनी रपट सेबी को सौंपने को कहा गया है।
सत्यम के सीएफओ वाडलामणि श्रीनिवास 23 जनवरी हिरासत में