facebookmetapixel
Yearender 2025: टैरिफ और वैश्विक दबाव के बीच भारत ने दिखाई ताकतक्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए जरूरी अपडेट! नए साल से होंगे कई बड़े बदलाव लागू, जानें डीटेल्सAadhaar यूजर्स के लिए सुरक्षा अपडेट! मिनटों में लगाएं बायोमेट्रिक लॉक और बचाएं पहचानFDI में नई छलांग की तैयारी, 2026 में टूट सकता है रिकॉर्ड!न्यू ईयर ईव पर ऑनलाइन फूड ऑर्डर पर संकट, डिलिवरी कर्मी हड़ताल परमहत्त्वपूर्ण खनिजों पर चीन का प्रभुत्व बना हुआ: WEF रिपोर्टCorona के बाद नया खतरा! Air Pollution से फेफड़े हो रहे बर्बाद, बढ़ रहा सांस का संकटअगले 2 साल में जीवन बीमा उद्योग की वृद्धि 8-11% रहने की संभावनाबैंकिंग सेक्टर में नकदी की कमी, ऋण और जमा में अंतर बढ़ापीएनबी ने दर्ज की 2,000 करोड़ की धोखाधड़ी, आरबीआई को दी जानकारी

फ्यूचर संग सौदे पर आगे बढ़ी आरआईएल

Last Updated- December 15, 2022 | 3:47 AM IST

देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज फ्यूचर रिटेल के अधिग्रहण को अंतिम रूप देने में लगी है। इस सौदे में फ्यूचर समूह की किराना और लॉजिस्टिक्स इकाई भी शामिल होगी।
बैंकरों ने बताया कि अधिग्रहण योजना में केवल फ्यूचर रिटेल ही नहीं होगी बल्कि समूह की लॉजिस्टिक्स फर्म फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशंस और फ्यूचर कंज्यूमर भी शामिल होगी। घटनाक्रम के जानकार एक सूत्र ने बताया, ‘सौदे के तहत फ्यूचर समूह की कई कंपनियों का विलय होगा।’
कर्ज में फंसी फ्यूचर रिटेल के अधिग्रहण के लिए ऋणदाताओं के साथ सौदे को अंतिम रूप दिए जाने की खबर से रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर आज 7.1 फीसदी चढ़ गया जिससे कंपनी का मूल्यांकन 13.74 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। फ्यूचर रिटेल का शेयर भी 4.39 फीसदी चढ़ा और फ्यचूर सप्लाई चेन में 3.68 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।
सूत्रों के अनुसार फ्यूचर समूह के प्रवर्तक किशोर बियाणी की फ्यूचर रिटेल तथा अन्य कंपनियों में 41.73 फीसदी हिस्सेदारी गिरवी है। ऐसे में ऋणदाताओं की बियाणी के कर्ज को इक्विटी में बदलने की योजना है, और सौदे के बाद उन्हें रिलायंस रिटेल के शेयर मिलेंगे।
बियाणी की प्रवर्तक इकाइयों पर पिछले साल सितंबर तक करीब 12,778 करोड़ रुपये का कर्ज था। समूह कर्ज नहीं चुका पा रहा है जिसकी वजह से उसे कंपनी बेचनी पड़ रही है।
फ्यूचर रिटेल द्वारा 22 जुलाई को 100 करोड़ रुपये के ब्याज भुगतान में चूक करने के बाद बियाणी पर आरआईएल के साथ सौदा करने का दबाव बढ़ गया है। इसके अलावा रेटिंग फर्म एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 30 दिन बाद समूह की रिटेल इकाई कर रेटिंग घटाने की भी चेतावनी दी है। एसऐंडपी ने चेताया है कि अगर फ्यूचर रिटेल 30 दिन के अंदर ब्याज का भुगतान कर देती है तब भी उधारी जोखिम की स्थिति बनी रहेगी।
आरआईएल के प्रवक्ता ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। फ्यूचर के अधिकारियों से संपर्क नहीं हो पाया।
फ्यूचर रिटेल मुख्य रूप से होम और इलेक्ट्रॉनिक्स रिटेल और वैल्यू रिटेलिंग कारोबार से जुड़ी है। इसके तहत बिग बाजार, ईजी डे, फूडहॉल जैसे रिटेल स्टोरों का परिचालन किया जाता है। प्रस्तावित सौदे में फ्यूचर कंज्यूमर भी शामिल होगी जो खान-पान कारोबार से जुड़ी है।
इसी तरह फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशंस फ्यूचर समूह की कंपनियों के साथ-साथ बाहर की कंपनियों को आपूर्ति शृंखला समाधान मुहैया कराती है। इस कंपनी को 65 फीसदी कारोबार फ्यूचर रिटेल से ही मिलता है।  
पहले से ही भरी कर्ज से जूझ रहे फ्यूचर समूह के लिए कोरोना महामारी ने और संकट खड़ा कर दिया है। इसकी वजह से समूह के शेयर भाव में खासी गिरावट आई और मार्जिन कॉल का भी खतरा बढ़ा है।बैंकरों ने कहा कि महामारी और लॉकडाउन के कारण समूह की कंपनियों का कारोबार प्रभावित हुआ है। अप्रैल के बाद से कंपनी को अपने कई स्टोर बंद करने पड़े हैं।फ्यचूर के प्रवर्तकों ने बैंकों से वादा किया था कि वह दो बीमा फर्मों में अपनी हिस्सेदारी बेचेगा या एसबीआई जनरल के साथ उनका विलय करेगा, ताकि कर्ज का भुगतान किया जा सके। लेकिन 31 जुलाई तक सौदे की घोषणा नहीं हो पाई जिससे प्रवर्तकों पर आरआईएल के साथ सौदे पर आगे बढऩे का दबाव बढ़ गया।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज ने सोमवार को रिलायंस रिटेल का मूल्यांकन वित्त वर्ष 2020 के एबिटा से 35 गुना आंका है और उद्यम मूल्य 57 अरब  डॉलर बताया है।

First Published - August 4, 2020 | 10:56 PM IST

संबंधित पोस्ट