बीएस बातचीत
वित्त वर्ष 2022 के दौरान जीडीपी और आय में तेजी से सुधार होने के लिए बाजार तैयार हो रहा है। एचडीएफसी लाइफ के मुख्य निवेश अधिकारी प्रसून गजरी ने कहा कि जब तक इस प्रकार की उम्मीदें पूरी नहीं होतीं, तब तक मूल्यांकन को सही ठहराना कठिन होगा। उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि वित्त वर्ष 2022 के लिए आय संबंधी रुझानों का अगले छह महीनों में पता चलने लगेगा। उन्होंने कहा कि केवल नकदी प्रवाह से ही बाजार को रफ्तार नहीं मिल सकती। पेश हैं मुख्य अंश:
कोविड-19 के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच वैश्विक एवं भारतीय बाजारों में बिकवाली हो रही है। ऐसी स्थिति कब तक रहेगी?
मैं लघु अवधि में बाजार की चाल के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। हमारा मानना है कि बाजार में निवेशकों का मौजूदा कदम उम्मीद के अनुरूप ही है। चूंकि गिरावट जारी रह सकता है, इसलिए हमारा मानना है कि जब तक आर्थिक गतिविधियों में सुधार जारी रहेगा तब तक वित्त वर्ष 2022 के लिए सुधार की उम्मीद बरकरार रहेगी। साथ ही यदि कोविड का टीका इसी वित्त वर्ष के भीतर आ जाता है तो गिरावट अधिक समय तक जारी नहीं रह सकेगी।
मौजूदा परिदृश्य में कई अर्थशास्त्रियों का कहना है कि वित्त वर्ष 2022 में भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 2020 के स्तर से कम रहेगी। ऐसे में क्या आप मानते हैं बाजार महंगा हो गया है और वह फंडामेंटल्स से आगे निकल गया है?
वित्त वर्ष 2022 में जीडीपी वृद्धि और कॉरपोरेट आय में तेजी से सुधार के लिए बाजार तैयार हो रहा है। हमने आर्थिक गतिविधियों में तेजी से सुधार होते देखा है और इसलिए वित्त वर्ष 2022 में तेजी सुधार होने की धारणा पूरी तरह से अनुचित नहीं है। यदि वित्त वर्ष 2022 के आंकड़े उम्मीद के अनुरूप रहे तो बाजार के मूल्यांकन को सही ठहराया जा सकता है। हमें अगले छह महीनों में वित्त वर्ष 2022 के लिए आय संबंधी रुझान की बेहतर समझ मिलेगी। इसलिए बाजार की दिशा इस बात पर निर्भर करेगी कि वित्त वर्ष 2022 में क्या बदलाव होता है।
कुछ लोगों का यह भी कहना है कि पर्याप्त नकदी प्रवाह के कारण शेयर को ऊंचाई पर रखने में मदद मिलेगी।
नकदी प्रवाह के बल पर तेजी को कब तक बरकरार रखा जा सकता है?
बाजार से लंबी अवधि के रिटर्न के लिए केवल नकदी प्रवाह ही पर्याप्त नहीं होगा। नकदी प्रवाह कुछ समय के लिए बाजार की चुनौतियों से राहत दे सकता है लेकिन अंतत: आय पर ही सब कुछ निर्भर होता है।
अनौपचारिक क्षेत्र और आर्थिक परिदृश्य को तगड़ा झटका लगने के मद्देनजर वाहन, मल्टीप्लेक्स, पर्यटन, आतिथ्य सेवा जैसे विवेकाधीन खपत वाले क्षेत्रों की संभावनाओं के लिए आपका क्या विचार है? इन्हें कोविड-पूर्व स्तर तक लौटने में कितना समय लगेगा?
वाहन जैसे कुछ विवेकाधीन खर्च वाले क्षेत्रों ने उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है। होटल जैसे क्षेत्रों में भी सुधार हुआ है लेकिन उसमें थोड़ा वक्त लगेगा। मल्टीप्लेक्स का खुलना अभी बाकी है। इसलिए हरेक क्षेत्र की अलग कहानी है। होटल और मल्टीप्लेक्स को पूरी तरह कोविड पूर्व स्थिति तक लौटने में कुछ समय लगेगा और चिकित्सा समाधान उसकी पूर्व आवश्यकता होगी। जहां तक वाहन का सवाल है तो यह पता लगाना मुश्किल है कि अटकी हुई मांग के कारण तेजी आई है अथवा यह ढांचागत तेजी है। त्योहारी सीजन के खत्म होते ही नवंबर के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।