रिलायंस रिटेल ने अपने सभी आने वाले स्टोर्स के लिए एक नया नियम बनाया है। अब हर नई दुकान को 6 से 12 महीने के अंदर मुनाफा कमाना जरूरी होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो उस दुकान को या तो बंद कर दिया जाएगा या फिर वहां कोई और तरह का स्टोर शुरू किया जाएगा। पहले कंपनी दो साल तक इंतजार करती थी यह देखने के लिए कि दुकान चलेगी या नहीं। अब यह सोच बदल गई है। कंपनी अब मुनाफे और अच्छे मार्जिन पर ज्यादा ध्यान दे रही है, क्योंकि वह भविष्य में शेयर बाजार में उतरने (IPO लाने) की तैयारी कर रही है।
एक निजी मीटिंग में रिलायंस रिटेल के मैनेजमेंट ने एनालिस्ट्स को बताया कि IPO से जुड़ी जानकारी “सही समय पर” साझा की जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी जो पहले हर साल 1,000 से ज्यादा स्टोर खोलती थी, अब वह सालाना 500–550 स्टोर ही खोलेगी। साल 2022-23 में कंपनी ने 3,300 से ज्यादा दुकानें खोली थीं। पिछले तीन सालों में रिलायंस रिटेल ने 3,650 से ज्यादा घाटे में चल रही दुकानें बंद भी कर दी हैं।
रिलायंस रिटेल कई तरह के प्रोडक्ट्स बेचती है—जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, किराना, कपड़े, जूते, गहने, चश्मे, दवाइयां और हस्तशिल्प। इसके स्टोर ब्रांड्स हैं: रिलायंस फ्रेश, डिजिटल, ट्रेंड्स और माईजिओ।
कंपनी से जुड़े एक व्यक्ति ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया, “अब बेतहाशा विस्तार का दौर खत्म हो गया है, लेकिन दुकानों की संख्या हर साल बढ़ेगी। नहीं तो कंपनी की कमाई की रफ्तार धीमी हो जाएगी।” अब रिलायंस रिटेल नई दुकान खोलने से पहले जगह का पूरा विश्लेषण करती है। उस व्यक्ति ने कहा, “हमें भरोसा है कि 90% से ज्यादा नई दुकानें तय समय में मुनाफा कमाने लगेंगी। कुछ दुकानों में देरी हो सकती है क्योंकि बाजार की स्थिति जल्दी बदल जाती है।”
मार्च 2025 तक रिलायंस रिटेल के पास भारत में कुल 19,340 दुकानें थीं। अब कंपनी खास तौर पर ग्रॉसरी और फैशन में महंगे प्रोडक्ट्स पर ध्यान दे रही है। इसके प्रीमियम ब्रांड्स जैसे फ्रेशपिक और गोफ्रेश अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
रिलायंस अब अपने बजट फैशन ब्रांड Trends को भी नए लुक में ला रही है ताकि युवा ग्राहकों को ज्यादा पसंद आए। इसमें Azorte जैसे टेक्नोलॉजी टूल्स का इस्तेमाल किया जाएगा। पिछले दो साल में कंपनी के मुनाफे में भी सुधार आया है, क्योंकि कंपनी ने घाटे वाली दुकानों को बंद करके अपने कामकाज को बेहतर बनाया है।
रिलायंस अब ऑनलाइन शॉपिंग जैसे घाटे वाले सेक्टर में भी मुनाफा कमाना चाहती है। कंपनी के CFO दिनेश तलुजा ने बताया कि उसका 30 मिनट में डिलीवरी वाला मॉडल ‘quick commerce’ से मुकाबला करेगा और वह भी मुनाफे के साथ। इस मॉडल में डिलीवरी किसी खास गोदाम से नहीं, बल्कि नजदीकी दुकानों से की जाएगी। इससे खर्च कम होता है और एक ही दुकान से ज्यादा बिक्री हो सकती है।