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रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्रवर्तकों और निवेशकों से मिलेगी 3,010 करोड़ रुपये की नई पूंजी, कर्ज भी होगा जीरो

तरजीही निर्गम के जरिये रिलायंस इन्फ्रा की कुल संपत्ति 9 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 12 हजार करोड़ रुपये हो जाएगी और कंपनी पर कोई कर्ज भी नहीं रहेगा।

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प्राची पिसल   
Last Updated- September 21, 2024 | 6:33 AM IST

अनिल अंबानी की रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्रवर्तकों से 1,100 करोड़ रुपये इक्विटी निवेश के जरिये और मुंबई के दो निवेश फर्मों से 1,910 करोड़ रुपये मिलने जा रहा है। कंपनी ने आज शेयर बाजार को यह जानकारी दी है।

इससे पहले, गुरुवार को कंपनी के बोर्ड ने 6 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त रकम जुटाने की योजना को मंजूरी दी थी। इनमें से 3,014 करोड़ रुपये तरजीही शेयर के जरिये और 3 हजार करोड़ रुपये पात्र संस्थागत प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिये जुटाए जाने थे।

पहले चरण में कंपनी 3,014 करोड़ रुपये का तरजीही प्लेसमेंट जारी करेगी जिसके तहत 240 रुपये प्रति शेयर के निर्गम मूल्य पर 12.56 करोड़ इक्विटी शेयर अथवा परिवर्तनीय वारंट जारी किए जाएंगे। इस निर्गम में से 1,104 करोड़ रुपये का निवेश रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्टर के प्रवर्तक अपनी कंपनी राइज इन्फिनिटी प्राइवेट लिमिटेड के जरिये करेंगे। राइज 4.60 करोड़ शेयर खरीदेगी।

तरजीही शेयर में शामिल होने वाले दो अन्य निवेशकों में मुंबई की फॉर्च्यून फाइनैंशियल ऐंड इक्विटीज सर्विसेज और फ्लोरिनट्री इनोवेशंस एलएलपी शामिल है।

फॉर्च्यून फाइनैंशियल ऐंड इक्विटीज सर्विसेज तरजीही निर्गम के जरिये 4.41 करोड़ शेयर खरीदकर 1,058 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और फ्लोरिनट्री इनोवेशंस 852 करोड़ रुपये लगाएगी।

कंपनी को 3.55 करोड़ शेयर मिलेंगे। फ्लोरिनट्री का स्वामित्व ब्लैकस्टोन के पूर्व अधिकार मैथ्यू सिरीक हैं और फॉर्च्यून फाइनैंशियल का स्वामित्व निमिष शाह के पास है। रिलायंस इन्फ्रा में प्रवर्तकों की 21.34 फीसदी हिस्सेदारी है।

इसके अलावा, तरजीही निर्गम के जरिये रिलायंस इन्फ्रा की कुल संपत्ति 9 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 12 हजार करोड़ रुपये हो जाएगी और कंपनी पर कोई कर्ज भी नहीं रहेगा।

कंपनी पोस्टल बैलेट के जरिये शेयरधारकों की मंजूरी मांग रही है। उससे पहले कंपनी ने अपना ऋण देनदारी भी 87 फीसदी कम कर 475 करोड़ रुपये कर दिया था। तरजीही निर्गम से होने वाली आय का उपयोग कंपनी अपने कारोबार के विस्तार अथवा सहायक कंपनियों और संयुक्त उद्यमों में निवेश के माध्यम से करेगी, जिसमें दीर्घकालिक कार्यशील पूंजी आवश्‍यकताओं को पूरा करना शामिल है।

First Published : September 21, 2024 | 6:33 AM IST