PM Prasad, Chairman And MD, Coal India Limited
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक पी एम प्रसाद ने श्रेया जय को ईमेल के जरिये दिए साक्षात्कार में बताया कि विभिन्न विभागों में बेहतर समन्वय और खानों में यंत्रीकरण बढ़ने से देश में कोयले की उपलब्धता महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ी है। बिजली संयंत्रों में दो साल पहले घरेलू कोयले के भंडार की कमी थी और अब इन संयंत्रों में कोयले के भंडार का अधिशेष है। कोयले का भंडार बढ़ाने में कई कारकों ने योगदान दिया। पेश हैं, साक्षात्कार के संपादित अंश :
हमारा वित्त वर्ष 2023-24 में उत्पादन बढ़कर 77.36 करोड़ टन हो गया। कोयले के उत्पादन में इजाफे में समयबद्ध रूप से ठेका देना, शीघ्र फैसला लेने के लिए हमारी सहायक कंपनियों के प्रबंधन को शक्तियां देने, कोयला उत्पादन व अधिकता की स्थिति में ठेके में लचीलापन, मंत्रालयों में रेल, बिजली, पर्यावरण व वन में बाधा पहचाने वाले कारकों को पहचान करके निरंतर समन्वय कर इन कारकों को हल करना है।
ठेके पर खनन के लिए 13 खान विकास आपरेटर (एमडीओ) परियोजनाएं शुरू की गई थीं। इनमें से चार में संचालन शुरू हो गया और इन्होंने वित्त वर्ष 2024 में 70 लाख टन का योगदान दिया। कोयला मंत्रालय, राज्य सरकारों और जिला स्तर प्राधिकरण से मंजूरियां मिलना महत्त्वपूर्ण मदद थी।
वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही में हमारा उत्पादन 18.9 करोड़ था और यह बीते वर्ष की इस तिमाही की तुलना में 1.4 करोड़ टन अधिक था। हमें इस अधिक उत्पादन ने आपूर्ति बढ़ाने में मदद की। इस अवधि में बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति 16 करोड़ टन थी और यह बीते साल की पहली तिमाही की तुलना में 60 लाख टन अधिक थी।
हमने गैर बिजली क्षेत्र को रिकॉर्ड 3.84 करोड़ टन आपूर्ति की थी और इसमें सालाना आधार पर 16 प्रतिशत की वृद्धि थी। सीआईएल ने घरेलू कोयले की आपूर्ति ज्यादा करने में मदद की। बिजली संयंत्रों को कोयले का 4.5 करोड़ टन कोयले का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित किया गया था। रेलवे के रैक की उपलब्धता भी अच्छी थी। ज्यादातर रैक होने से कोयले की अधिक आपूर्ति सुनिश्चित हो पाई।
हमारा लक्ष्य 2027 तक 1 अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रहा है। हमारी चार सहायक कंपनियों में एमसीएल ने 29 करोड़ टन उत्पादन कर अग्रणी भूमिका निभाई। इस क्रम में एसईसीएल ने 25 करोड़ टन और सीसीएल व एनसीएल ने क्रमश: 14 करोड़ टन का उत्पादन किया।
हमारे कुल उत्पादन में इन सहायक कंपनियों को योगदान 82 प्रतिशत है। कहीं अधिक यंत्रों का इस्तेमाल करने, एमडीओ को कहीं अधिक खनन के ठेके देने और दक्षतापूर्वक संचालन करने के बलबूते यह विश्वास है कि वांछित लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।
इसके लिए 7.08 करोड़ टन उत्पादन पर नजर है। यह लक्ष्य वित्त वर्ष 2024 के 6.04 करोड़ टन वास्तविक उत्पादन का 10 प्रतिशत अधिक है।
कोल इंडिया ने छह वर्षों से दाम नहीं बढ़ाए हैं। सीआईएल सूचीबद्ध कंपनी है और कोयले के दाम को लेकर मार्केट संवेदनशील है। लिहाजा इस मामले पर कोई आकलन करना उचित नहीं है।