देसी उद्योग जगत भी इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को अपनाने लगा है। इसीलिए कई जगह दफ्तर में ईवी चार्जिंग ढांचा लगाया जा रहा है, लीज पर पेट्रोल-डीजल कार के बजाय इलेक्ट्रिक कार का विकल्प दिया जा रहा है और कंपनियां अपने बेड़े में भी पूरी तरह इलेक्ट्रिक कार शामिल करने में जुटी हैं।
गोदरेज ऐंड बॉयस के परिसर में अब चार ईवी चार्जिंग पॉइंट हैं। एचएसबीसी अपने कर्मचारियों को लीज पर इलेक्ट्रिक कार देने की योजना बना रही है। लॉजिस्टिक्स कंपनी फेड एक्स के पार्सल उठाने और पहुंचाने वाले बेड़े में 2040 तक सभी वाहन शून्य उत्सर्जन वाले होंगे।
हाई-स्पीड चार्जिंग नेटवर्क में विशेषज्ञता रखने वाली ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी चार्ज+जोन के संस्थापक एवं सीईओ कार्तिकेय हरियाणी ने कहा कि मॉल एवं ऑफिस स्पेस में ईवी चार्जिंग नेटवर्क स्थापित करने के लिए रियल एस्टेट डेवलपर आदि कंपनियां काफी पूछताछ करने लगी हैं।
हरियाणी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हाल में गुरुग्राम में हमने ब्रुकफील्ड के लिए एक परियोजना पूरी की है। वहां उनके परिसर में 36 कारों को चार्ज करने के लिए बुनियादी ढांचा बनाया गया है। मॉल एवं मल्टीप्लेक्स मालिक जैसे रियल एस्टेट डेवलपर, कॉरपोरेट समूह अपने परिसरों में ईवी चार्जिंग की सुविधा लगाने के लिए हमसे बात कर रहे हैं। हम इसे डेस्टिनेशन चार्जिंग कहते हैं। साल 2023-24 हमारे लिए असाधारण वर्ष होगा क्योंकि उस दौरान हम तीन गुना ज्यादा ईवी चार्जिंग ढांचा लगाने की उम्मीद कर रहे हैं। इस साल 10,000 ईवी चार्जिंग पॉइंट स्थापित करने का हमारा लक्ष्य है।’
चार्ज+जोन ने 815 ईवी चार्जिंग स्टेशनों पर 3,000 से अधिक फास्ट डीसी चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए हैं, जिनसे रोजाना लगभग 5,000 इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज होते हैं।
गोदरेज ऐंड बॉयस के प्रवक्ता ने कहा, ‘गोदरेज ऐंड बॉयस परिसर में फिलहाल 4 ईवी चार्जिंग पॉइंट हैं। यह 25,000 से अधिक रहने वालों के लिए उपलब्ध है। फिलहाल उनका उपयोग काफी कम हो रहा है क्योंकि मांग कम है। निकट भविष्य में मांग बढ़ने के साथ-साथ चार्जिंग पॉइंट्स की संख्या भी बढ़ने की उम्मीद है।’
एचएसबीसी इंडिया की एचआर प्रमुख अर्चना चड्ढा ने कहा, ‘हम अपने कर्मचारियों को लीज पर इलेक्ट्रिक कर देने की योजना बना रहे हैं। हमें विश्वास है कि पर्यावरण का ख्याल रखने वाले हमारे सहकर्मी ईवी में निवेश को एक अच्छा अवसर मानेंगे।’
फेड एक्स एक्सप्रेस के प्रबंध निदेशक (अंतरराष्ट्रीय परिचालन) शुभेंदु चौधरी ने कहा कि कंपनी 2 लाख से अधिक मोटर वाहनों के अपने वैश्विक बेड़े को इलेक्ट्रिक वाहनों से बदल रही है। शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने की दिशा में यह महत्त्वपूर्ण कदम है।
चौधरी ने कहा, ‘हम चरणबद्ध तरीके से 2040 तक फेड एक्स पार्सल के पिकअप एवं डिलिवरी बेड़े को शून्य उत्सर्जन वाले वाहनों में तब्दील करने के लिए काम कर रहे हैं। हाल में हमने दिल्ली में अपने कामकाज में 30 इलेक्ट्रिक वाहन शामिल किए हैं और इनके लिए दिल्ली परिसरों में चार्जिंग बुनियादी ढांचा भी लगाया है।’
फेड एक्स 2025 तक अपने वैश्विक पिकअप एवं डिलिवरी वाहन खरीद में 50 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करेगी। साल 2030 तक इसे बढ़ाकर 100 फीसदी करने की योजना है।
कैब ऑपरेटर भी इस अभियान में शामिल हो रहे हैं। हाल में कोलकाता के ई-कैब ब्रांड स्नैप-ई ने चार्ज+जोन के साथ करार किया है। इसके तहत 200 डीसी और 1,000 एसी चार्जिंग स्टेशनों के साथ 2,000 इलेक्ट्रिक कैब के लिए चार्जिंग बुनियादी ढांचा लगाया जाएगा।
स्नैप-ई के सह-संस्थापक एवं सीईओ मयंक बिंदल ने कहा कि शुरुआती चरण में कोलकाता और आसपास के इलाकों में 2,000 ई-कैब चलाने की योजना है। अगले चरण में 3,000 इलेक्ट्रिक वाहन शामिल किए जाएंगे और उनके लिए आवश्यक चार्जिंग बुनियादी ढांचा भी स्थापित किया जाएगा।