क्रेडाई, कोलियर्स और लायसेस फोरास के डेवलपर सेंटीमेंट सर्वे के अनुसार इस साल 74 फीसदी बिल्डरों को रियल एस्टेट में मांग बढ़ने या इसके स्थिर रहने की उम्मीद है। लगभग 58 फीसदी बिल्डर इस साल आवास की कीमतों में और वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। कीमतों में वृद्धि की वजह भारतीय बाजार में घरों की मजबूत मांग और साथ ही प्रमुख इनपुट लागतों में उतार-चढ़ाव है।
क्रेडाई नेशनल के प्रेसिडेंट हर्ष वर्द्धन पटोडिया ने कहा, ‘पिछले वर्ष काफी मजबूत गति मिली, जिसने पिछले दशक में रिकॉर्ड तोड़ बिक्री का नेतृत्व किया। इसलिए 70 फीसदी से अधिक बिल्डरों का मानना है कि 2023 में घरों की मांग या तो 25 फीसदी बढ़ जाएगी या स्थिर रहेगी। इसी रुझान के साथ अधिकांश बिल्डर (87 फीसदी) अपनी पेशकश का विस्तार करना चाहते हैं। जिससे इस साल निर्माणाधीन मौजूदा आपूर्ति के बराबर नए लॉन्चिंग में इजाफा होने की उम्मीद है।
बढ़ती जनसंख्या, धन वृद्धि, और तेजी से शहरीकरण क्षेत्र के विकास को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैं। इसलिए गति को बनाए रखने में मदद करने के लिए लगभग 40 फीसदी बिल्डरों ने 2023 में सरकार से कारोबार में सुगम का अनुमान लगाया, जबकि अन्य 31 फीसदी ने युक्तिकरण/आयकर क्रेडिट जीएसटी का अनुमान जाहिर किया।
एशिया कोलियर्स के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर व इंडिया मैनेजिंग डायरेक्टर मार्केट डेवलपमेंट रमेश नायर ने कहा कि सर्वेक्षण से पता चलता है कि बिल्डर बाजार को लेकर आशावादी बने हुए हैं। लगभग 43 फीसदी को लगता है कि आवासीय मांग 2023 में स्थिर रहेगी।
बढ़ती ब्याज दरों के बावजूद घर खरीदार घर खरीदने को लेकर उत्साहित हैं। बिल्डर भी उन परियोजनाओं को लॉन्च करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो घर खरीदारों की जरूरतों के अनुरूप हैं और अपनी लंबित परियोजनाओं को पूरा करने और मांग के आधार पर आपूर्ति लाने के लिए रणनीति तैयार कर रहे है।
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान के कारण पिछले दो वर्षों में कच्चे माल की लागत में काफी वृद्धि हुई है। जिससे महंगाई का दबाव बढ़ा है। लगभग 43 फीसदी बिल्डरों ने बढ़ती इनपुट लागतों के बीच 2021 की तुलना में 2022 में परियोजना लागत में 10 से 20 फीसदी की वृद्धि देखी।
यह कोलियर्स की निर्माण लागत अपडेट: नवंबर 2022 के अनुरूप है। जिसमें कहा गया है कि प्रमुख निर्माण सामग्री की लागत तीन वर्षों की अवधि में लगभग 32 फीसदी बढ़ गई है। जिससे बिल्डरों के लिए निर्माण की लागत में वृद्धि हुई है।
लायसेस फोरास के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज कपूर ने कहा कि साल 2022 में भारत के प्रमुख शहरों में सबसे अधिक बिक्री और नए लॉन्च हुए। हमने संपत्ति की कीमतों में मामूली वृद्धि भी देखी है। बाजार में उस गति को बनाए रखने की संभावना है जिस रुझान की सर्वेक्षण फिर से पुष्टि करता है।
सर्व के अनुसार ब्रांडेड आवास बिल्डरों के बीच एक स्पष्ट पसंदीदा विकल्प के रूप में उभरे हैं क्योंकि लगभग 31 फीसदी बिल्डर वैकल्पिक व्यवसाय मॉडल के रूप में प्लॉट आधारित डेवलपमेंट का पता लगाने के इच्छुक हैं। इसके बाद ब्रांडेड निवासों को 19 फीसदी बिल्डरों द्वारा पसंद किया गया।
उच्च खर्च योग्य आय और सर्वोत्तम सुविधाओं और खुली जगहों की बढ़ती आवश्यकता ने स्व-निहित आवासीय परिसरों की मांग को बढ़ा दिया है। भूमि की कम दरों और घर खरीदारों को दिए जाने वाले लचीलेपन के कारण प्लॉटेड डेवलपमेंट भी विशेष रूप से टियर-2 शहरों में लोकप्रिय हो रहे हैं।
सर्वे के मुताबिक इस साल नए लॉन्च में तेजी देखने को मिल सकता है। लगभग 87 फीसदी बिल्डर साल 2023 में नई आवासीय परियोजनाओं को लॉन्च करने के इच्छुक हैं। यह महंगाई के दबाव और किसी भी संकट के बावजूद बिल्डरों के बीच आशावाद को मजबूत करता है। हालांकि अगले कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था, नियुक्तियों में स्थगन, और छंटनी की क्या स्थिति रहती है। इसको लेकर बिल्डरों के देखो और इंतजार करो के दृष्टिकोण को अपनाने की संभावना है।
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बिल्डरों की तरफ से पूछा जाने वाला शीर्ष सवाल सर्वेक्षण के मुताबिक सरकार से ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ बिल्डरों की सबसे बड़ी उम्मीद है। पिछले साल के केंद्रीय बजट में सरकार ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस 2.0’ की शुरुआत की घोषणा की थी। इस क्षेत्र को इंडेक्स पर अधिक स्पष्टता और मापदंडों की उम्मीद है। जिसमें सिंगल-विंडो क्लीयरेंस जैसे पहलू शामिल हैं।