कोरोना के बाद से भारतीय रियल एस्टेट मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। अब इस मार्केट ने एक नया आयाम हासिल कर लिया है। भारतीय रियल एस्टेट मार्केट पहली बार ग्लोबल रियल एस्टेट ट्रांसपेरेंसी इंडेक्स (GRETI) में शामिल हुआ है। संपत्ति सलाहकार फर्म जेएलएल के GRETI में भी इस साल भारत ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। इस उपलब्धि का श्रेय देश के मजबूत वित्तीय नियामक, सुव्यवस्थित भवन नियमों और डिजिटलीकृत भूमि रिकॉर्ड को जाता है।
JLL’s Global Real Estate Transparency Index (GRETI) के मुताबिक भारत पहली बार इस इंडेक्स में शामिल हुआ है। 2024 में भारत की रैंकिंग 31 वी और स्कोर 2.44 है। चीन भारत से महज एक रैंकिंग ही आगे है और उसका स्कोर 2.42 है। इस इंडेक्स में 2022 से 2024 के बीच सुधार के मामले में भारत का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। भारत लेनदेन प्रक्रिया के मामले शीर्ष 10 देशों में शामिल हो गया है। बढ़ती संस्थागत भागीदारी और परिसंपत्ति स्तर की जानकारी तक अधिक पहुंच से प्रेरित सुधार बढ़ रहा है। मार्केट फंडामेंटल के मामले में भी भारत की रैंकिंग 12 वी है।
जेएलएल इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री और रिसर्च हेड समंतक दास ने कहा, “पारदर्शिता पर जोर देने के साथ-साथ बढ़ती संस्थागत भागीदारी ने भारत के कमर्शियल रियल एस्टेट मार्केट में सर्वोत्तम उद्योग प्रथाओं को अपनाया है। विशेष रूप से 4 मौजूदा रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REITs) ने स्थिर कमर्शियल परिसंपत्तियों में वृद्धि को प्रेरित किया है, जबकि मानकीकृत बाजार मूल्यांकन प्रक्रियाओं और आरईआईटी नियमों ने बाजार-आधारित दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया है। भारत के ऑफिस मार्केट में ग्रेड ए ऑफिस स्टॉक का 12 फीसदी हिस्सा है।
रेरा और दिवाला और दिवालियापन संहिता जैसे विनियामक संवर्द्धन ने निवेशकों की सुरक्षा में सुधार किया है, जबकि डिजिटल भूमि रजिस्ट्री रिकॉर्ड और आरबीआई और सेबी द्वारा सख्त निगरानी ने एक मजबूत नियामक परिदृश्य तैयार किया है। इसके अतिरिक्त भारत का टिकाऊ रियल एस्टेट पर फोकस से WELL certification में वृद्धि देखी गई है और यह 2023 में 700 लाख वर्ग फुट तक पहुंच गया है। 2021 की तुलना में इसमें 40 फीसदी इजाफा हुआ है, जो जलवायु जोखिम को कम करने के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करता है।
भारत को GRETI मामले में अत्यधिक पारदर्शी मार्केट बनने के लिए और प्रयास करने की आवश्यकता है। जेएलएल की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पारदर्शिता रेटिंग को अगले स्तर पर ले जाने के लिए भारत के लिए हरित पट्टों को अपनाना आवश्यक है।
जेएलएल इंडिया में वरिष्ठ निदेशक (मुंबई एमएमआर और गुजरात) और अल्टरनेटिव्स के प्रमुख करण सिंह सोदी ने कहा, ‘जेएलएल के वैश्विक रियल एस्टेट पारदर्शिता सूचकांक में पारदर्शी स्तर पर भारत का चढ़ना उद्योग के एकजुट प्रयासों और सरकारी समर्थन को रेखांकित करता है। यह उपलब्धि पूंजी प्रवाह को आकर्षित करने और वैश्विक निवेशकों के बीच भारत की स्थिति को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। उच्च पारदर्शिता रेटिंग वाले बाजार वैश्विक पूंजी प्रवाह का 80 फीसदी प्राप्त करते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हालांकि भारत को विशेष रूप से कुशल विवाद समाधान तंत्र स्थापित करने में सुधार की गुंजाइश है। एक मजबूत नियामक विकास के बावजूद रिपोर्ट बताती है कि पारदर्शिता बढ़ाने के लिए डेटा पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने, सार्वजनिक बाजारों में संस्थागत भागीदारी को मजबूत करने और स्थिरता लक्ष्यों के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता है। ये उपाय महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भारत को 2024 की पहली छमाही में 4.8 बिलियन डॉलर के साथ रियल एस्टेट में रिकॉर्ड पूंजी प्रवाह की उम्मीद है।’