प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
डीएलएफ और सिंगापुर के सॉवरिन वेल्थ फंड (एसडब्ल्यूएफ) जीआईसी के बीच संयुक्त उपक्रम डीएलएफ साइबर सिटी डेवलपर्स (डीसीसीडीएल) परियोजनाओं के निर्माण और ऋण के पुनर्भुगतान के लिए गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) के माध्यम से 1,100 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बना रही है।
इस रियल एस्टेट कंपनी में डीएलएफ समूह की 66.67 प्रतिशत हिस्सेदारी है और चालू वित्त वर्ष 2026 में उसने 3,500-4,000 करोड़ रुपये के वार्षिक पूंजीगत व्यय का अनुमान रखा है जो मध्यम अवधि में घटकर लगभग 2,000 करोड़ रुपये रह सकता है।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार कंपनी पर 1,500-2,000 करोड़ रुपये का वार्षिक ब्याज भुगतान का भी बोझ है और अधिकांश निर्धारित पुनर्भुगतान को पुनर्वित्त के जरिए किए जाने की संभावना है। क्रिसिल ने नए डिबेंचर को ‘एएए’ रेटिंग दी है जो ऊंचे ऑक्यूपेंसी लेवल और परिचालन पोर्टफोलियो के पैमाने से समर्थित, मजबूत व्यावसायिक जोखिम प्रोफाइल की निरंतरता दर्शाती है। डीसीसीडीएल के पास गुरुग्राम, चेन्नई, नोएडा, दिल्ली, हैदराबाद और चंडीगढ़ में क्रमशः लगभग 4.04 करोड़ वर्ग फुट और लगभग 40 लाख वर्ग फुट परिचालन वाणिज्यिक और खुदरा क्षेत्र हैं।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि रियल एस्टेट में मजबूत ऋण सुरक्षा मानक और पुनर्वित्त क्षमता है। किराये में लगातार वृद्धि और इसके साथ-साथ शुद्ध ऋण 30 जून, 2024 के 17,583 करोड़ रुपये से घटकर 30 जून, 2025 तक 17,287 करोड़ रुपये रह जाने से ऋण सुरक्षा मानक मजबूत हुए हैं। शुद्ध ऋण-एबिटा अनुपात 31 मार्च, 2021 को 5.6 गुना था जो 30 जून, 2025 तक सुधरकर 3.2 गुना हो गया है। मध्यावधि में इस अनुपात में कमी आने की उम्मीद है।
डीएलएफ साइबर सिटी डेवलपर्स ने अपना शुद्ध ऋण स्तर 20,000 करोड़ रुपये के आसपास या इससे नीचे बनाए रखने का लक्ष्य तय किया है और शुद्ध ऋण-एबिटा अनुपात भी 3.5 गुना के आसपास या इसके नीचे रखने का संकेत दिया है। इसी तरह कंपनी लोन टु वैल्यू (एलटीवी) अनुपात भी 35-40 फीसदी से नीचे रखना चाहती है। कंपनी ने जून 2025 को समाप्त तिमाही में 1,728 करोड़ रुपये की परिचालन आय दर्ज की, जबकि एक साल पहले यह 1,536 करोड़ रुपये थी।