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Real estate: रियल एस्टेट ने कहा, LTCG में राहत से बढ़ेगा निवेश, बिक्री

वित्त विधेयक 2024 के तहत एलटीसीजी कर व्यवस्था में बदलाव से रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश और बिक्री में वृद्धि की संभावना, 12.5% और 20% कर विकल्प से करदाताओं को लाभ।

Published by
राघव अग्रवाल   
प्राची पिसल   
Last Updated- August 07, 2024 | 10:26 PM IST

रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) के संबंध में बजट की घोषणा में बदलाव करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव से देश में निवेश और आवास बिक्री को बढ़ावा मिलने की संभावना है। उद्योग के अधिकारियों ने यह संभावना जताई है।

हीरानंदानी ग्रुप के चेयरमैन निरंजन हीरानंदानी ने कहा ‘करदाताओं को नई और पुरानी योजनाओं के बीच कर के कम बोझ वाला विकल्प चुनने में सक्षम बनाकर इस संशोधन से निवेश को बढ़ावा और आवास क्षेत्रों में बिक्री में इजाफा होने वाला है।’

बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूंजीगत लाभ कर व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव का प्रस्ताव रखा था, जिसमें एलटीसीजी कर को 20 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत करना शामिल था। उन्होंने 1 अप्रैल, 2001 को या उसके बाद खरीदे गए मकानों के लिए इंडेक्सेशन लाभ समाप्त करने का भी सुझाव दिया था।

मंगलवार को केंद्र सरकार ने वित्त विधेयक, 2024 में एक संशोधन पेश किया, जिसमें करदाताओं को 23 जुलाई, 2024 से पहले संपत्ति लेने पर पुरानी एलटीसीजी व्यवस्था का लाभ उठाने की अनुमति दी गई है। अब करदाता इंडेक्सेशन के बिना 12.5 प्रतिशत या इंडेक्सेशन के साथ 20 प्रतिशत की दर पर अपने एलटीसीजी कर की गणना कर सकते हैं और कम राशि का भुगतान कर सकते हैं। यह व्यवस्था उन लोगों पर लागू होती है, जिन्होंने 23 जुलाई से पहले संपत्ति खरीदी है। इसके बाद खरीदने वालों के लिए नया नियम लागू होगा।

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि हालांकि 12.5 प्रतिशत की दर भले ही तुरंत आकर्षक लगती हो, लेकिन इसे या इंडेक्सेशन के साथ 20 प्रतिशत की दर को चुनने का फैसला ‘व्यक्तिगत परिस्थितियों पर सावधानीपूर्वक विचार’ करने के बाद किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा ‘आदर्श रूप में तो अगर किसी संपत्ति का मूल्य महंगाई से काफी ज्यादा हो चुका है, तो 12.5 प्रतिशत की दर ज्यादा फायदेमंद हो सकती है। हालांकि इंडेक्सेशन उन मामलों में फायदेमंद हो सकता है, जहां संपत्ति के मूल्य में तेजी महंगाई दर के पास हो।’

अलबत्ता उद्योग इस कदम से खुश लग रहा है। हाउसिंग.कॉम और प्रॉपटाइगर.कॉम के समूह के मुख्य कार्य अधिकारी ध्रुव अग्रवाल ने कहा ‘बजट की घोषणा का भ्रम और अटकलों को खत्म करके यह कदम भारत के दूसरे सबसे बड़े रोजगार सृजन करने वाले क्षेत्र में वृद्धि और बाजार की धारणा पर संभावित नकारात्मक असर को रोकता है।’

First Published : August 7, 2024 | 10:10 PM IST