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RBL Q1 Result: RBL बैंक को जून 2025 तिमाही में बड़ा झटका लगा है। बैंक का नेट प्रॉफिट साल-दर-साल (YoY) आधार पर 46% गिरकर ₹200 करोड़ रह गया, जो पिछले साल इसी तिमाही में ₹371.5 करोड़ था। मुनाफे में ये गिरावट मुख्य रूप से Net Interest Income (NII) में कमी और प्रोविजनिंग बढ़ने की वजह से हुई है।
बैंक की NII 13% गिरकर ₹1,481 करोड़ रही, जो पिछले साल इसी तिमाही में ₹1,700 करोड़ थी। मार्च 2025 तिमाही के मुकाबले इसमें 5% की गिरावट आई है।
Net Interest Margin (NIM) भी घटकर 4.50% रह गया, जबकि मार्च तिमाही में यह 4.89% और पिछले साल जून तिमाही में 5.67% था। हालांकि, बैंक की दूसरी इनकम (Other Income) 33% बढ़कर ₹1,069 करोड़ हो गई, जो पिछले साल ₹805 करोड़ थी। मार्च तिमाही में ये ₹1,000 करोड़ रही थी।
RBL बैंक के MD और CEO आर. सुब्रमणियकुमार ने कहा कि बैंक के मार्जिन अब शायद अपने निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं और Q3 से इनमें सुधार की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि डिपॉजिट रेट में कटौती का असर Q2 और Q3 में दिखेगा, जबकि लागत कम करने के कदमों से Q2 के अंत तक फायदा मिल सकता है।
बैंक की प्रोविजनिंग सालाना आधार पर बढ़कर ₹442 करोड़ हो गई, जो पिछले साल ₹366 करोड़ थी। हालांकि, ये मार्च तिमाही के ₹785 करोड़ से कम है।
बैंक की एसेट क्वालिटी थोड़ी कमजोर हुई है—Gross NPA बढ़कर 2.78% हो गया (मार्च में 2.6%), जबकि Net NPA बढ़कर 0.45% हो गया (मार्च में 0.29%)।
बैंक के कुल एडवांसेज़ 9% बढ़कर ₹94,431 करोड़ हो गए। इसमें सिक्योर्ड रिटेल एडवांसेज़ में 23% की तेज ग्रोथ देखने को मिली, जबकि टोटल रिटेल एडवांसेज़ में सिर्फ 5% की बढ़त रही।
वहीं, अनसिक्योर्ड रिटेल लोन में 10% की गिरावट दर्ज की गई। बैंक का रिटेल-टू-व्होलसेल लोन मिक्स 60:40 रहा। बैंक के कुल डिपॉजिट 11% बढ़कर ₹1,12,734 करोड़ हो गए। CASA डिपॉजिट भी 11% बढ़कर ₹36,614 करोड़ पर पहुंच गए, और CASA रेशियो 32.5% पर स्थिर रहा।