घरेलू बाजार में अगले साल एक दशक पूरा करने जा रही फिनटेक दिग्गज रेजरपे का कहना है कि अगले दशक में उसका जोर अंतरराष्ट्रीय विस्तार पर रहेगा। पिछले साल मलेशिया में प्रवेश करने वाली रेजरपे अब दक्षिण-पूर्व एशिया में विस्तार के लिए इंडोनेशिया, वियतनाम और फिलीपींस जैसे बाजारों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
रेजरपे के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी हर्शिल माथुर ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट के अवसर पर कहा, ‘भारत अभी भी हमारे लिए एक बड़ा बाजार बना हुआ है, लेकिन मेरा मानना है कि हम इन बाजारों में भी सफलता हासिल कर सकते हैं। इसकी एक वजह यह है कि दक्षिण पूर्व एशिया में कई बाजार रियल-टाइम पेमेंट ट्रांसफर के क्षेत्र में समान राह पर बढ़ रहे हैं, जिस पर भारत 5-7 साल पहले ही आगे बढ़ चुका है।’
उनका मानना है कि भारतीय फिनटेक कंपनियां अच्छी हालत में हैं और वे वैश्विक तौर पर फिनटेक संबंधित बदलाव को दिशा दे सकती हैं। हालांकि माथुर ने यह भी कहा कि मलेशिया में सफल शुरुआत के साथ अन्य बाजारों में अपनी सेवाओं की पेशकश की संभावना फिलहाल कम दिख रही है।
उन्होंने कहा, ‘हमें मलेशिया में सेवा शुरू करने में आठ महीने लगे, लेकिन उस समय मिले अनुभव की वजह से अब यह समय घटकर 4-5 महीने रह गया है।’
माथुर ने कहा कि कंपनी आईपीओ लाने की भी योजना बना रही है। इसमें कम से कम दो तीन साल लग सकते हैं। वर्ष 2014 में शुरू हुई रेजरपे से मौजूदा समय में 50 लाख व्यावसायिक ऑनलाइन एवं 650,000 से ज्यादा ऑफलाइन टच पॉइंट हैं। कंपनी अपने प्लेटफॉर्म के जरिये हर साल 120 अरब डॉलर के भुगतान प्रसंस्कृत करती है और उसने अपनी शुरुआत नए जमाने की इंटरनेट टेक फर्मो पर ध्यान केंद्रित कर की थी। भुगतान के संदर्भ में कंपनियां 40-50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर रही हैं।
माथुर ने कहा कि 100 से ज्यादा ऐसे यूनिकॉर्न हैं जो भारतीय स्टार्टअप तंत्र से जुड़े हुए हैं और इनमें करीब 73-74 प्रतिशत रेजरपे के उपयोगकर्ता हैं।