facebookmetapixel
2025 में ₹7 लाख करोड़ डूबने के बाद Nifty IT Index में आई सबसे बड़ी तेजी, आगे क्या करें निवेशकट्रंप बोले- मेरे पास अब तक के सबसे अच्छे नंबर हैं, तीसरी बार चुनाव लड़ना पसंद करूंगा15 लाख कर्मचारियों वाली Amazon करेगी 30,000 की छंटनी, खर्च घटाने की बड़ी मुहिम शुरूStock Market today: गिरावट के साथ खुला बाजार, सेंसेक्स 153 अंक नीचे, निफ्टी भी फिसलाStocks to Watch today: टाटा कैपिटल से लेकर अदाणी एनर्जी तक, इन शेयरों पर रहेगी आज नजर₹70,000 करोड़ की वैल्यूएशन वाली Lenskart ला रही है 2025 का पांचवां सबसे बड़ा IPOरूसी तेल पर पश्चिमी देशों का दोहरा रवैया, अमेरिकी दबाव के बीच जयशंकर का पलटवारकोयला मंत्रालय ने भूमिगत कोयला गैसीकरण के लिए मसौदा दिशानिर्देश जारी किएबीमा क्षेत्र की बिक्री बढ़ी पर शुरुआती चुनौतियांइलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के तहत 5,532 करोड़ रुपये की 7 परियोजनाएं मंजूर

वित्तीय चुनौतियों के बीच रवींद्रन ने Byju’s में झोंकी रकम

पिछले कुछ महीनों में बैजू रवींद्रन ने अपनी जेब से लगाए हैं 4,000 करोड़ रुपये

Last Updated- December 05, 2023 | 9:29 PM IST
Byju's

एडटेक फर्म बैजूस के संस्थापक बैजू रवींद्रन ने पिछले कुछ महीनों में 4,000 करोड़ रुपये की अपनी पूंजी कंपनी में लगाई है क्योंकि बैजूस नई पूंजी हासिल करने, वित्तीय रिपोर्टिंग में देरी और लेनदारों संग कानूनी विवाद समेत कई चुनौतियों से जूझ रही है।

एक सूत्र ने कहा, रवींद्रन ने कंपनी को मौजूदा संकट से उबरने में मदद के लिए व्यक्तिगत संपत्ति दी है। उन्होंने कर्मचारियों से कहा, हर कोई सोचता है कि मैं अरबपति हूं, लेकिन मैंने अपनी परिसंपत्ति का बड़ा हिस्सा वापस कंपनी में निवेश किया है।

5 दिसंबर को आयोजित बैठक में करीब 50 लीडर शामिल हुए और रवींद्रन ने बैजूस को प्रबावित करने वाले मौजूदा घटनाक्रम पर उनसे चर्चा की। उन्होंने उन चुनौतियों के बारे में बताया, जिससे कंपनी अभी जूझ रही है लेकिन भरोसा भी जताया कि अगले तीन महीने में इससे उबरने की क्षमता कंपनी के पास है।

रवींद्रन ने मौजूदा हालात को कई मोर्चे पर युद्ध जैसा बताया और हर किसी को वर्तमान व भविष्य की खातिर उनके साथ संघर्ष करने का आह्वान किया। बैठक में शामिल होने वाले एक सूत्र ने बताया, उन्होंने कहा कि सच्चा उद्यमी युद्ध का नेता होता है।

रवींद्रन ने यह भी कहा कि बैजूस जिन हालातों से गुजर रहा है उसे सिर्फ कई मोर्चे पर युद्ध की तरह ही देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, हमने कई लड़ाई में जीत हासिल की है लेकिन हमें अभी और जीतना है। आपके कमांडर होने के नाते दिल से मुझे उम्मीद है कि आप मेरे साथ संघर्ष करेंगे।

बैठक में शामिल होने वाले लोगों ने कहा कि रवींद्रन ने पारदर्शिता को लेकर अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया और कहा कि अपने शब्दों को कृत्रिम तौर पर आकर्षक नहीं बनाते। सूत्र ने कहा, उन्होंने कहा कि बैजूस हर तरह की चुनौतियों से बाहर निकलेगी और टीम को आश्वस्त किया कि कंपनी छह महीने पहले के मुकाबले बेहतर स्थिति में है।

अपने भाषण में बैजूस ने कहा कि जून-जुलाई में चुनौतियां ज्यादा मजबूत हो गई थीं। हालांकि उन्होंने आसान रास्ता चुनने से इनकार कर दिया क्योंकि वह न सिर्फ खुद के लिए बल्कि बैजूस की पूरी टीम और करोड़ों छात्रों के लिए लड़ रहे हैं, जिन्हें वे अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

सूत्र ने कहा, पूरी व्यक्तिगत संपत्ति कंपनी में लगाने समेत व्यक्तिगत त्याग के बावजूद रवींद्रन ने कहा कि बैजूस को दोबारा खड़ा करने के लिए उनका समर्पण बरकरार है। रवींद्रन ने उन प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा की, जिससे कंपनी जूझ रही है। पहली चुनौती टर्म लोन बी से जुड़ा कानूनी मुकदमा है, जो देरी से ऑडिट और इन लेनदारों की तरफ से पूरे रिफंड की मांग से जुड़ा है।

समाधान के लिए बैजूस लेनदारों से बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि एपिक की बिक्री के बाद यह मामला सुलझ जाएगा, जो अमेरिका में बैजूस की सहायक है। इस बिक्री से कंपनी को होने वाले नकदी संकट के प्रबंधन में भी मदद मिलेगी।

कंपनी अमेरिका में 1.2 अरब डॉलर के कर्ज पर लेनदारों को ब्याज भुगतान न करने के कारण परेशानी में फंसी है। बैजूस ने दो अहम परिसंपत्तियां एपिक व ग्रेट लर्निंग बेचकर 80 करोड़ डॉलर से लेकर एक अरब डॉलर तक जुटाने का फैसला लिया है ताकि विभिन्न वित्तीय चुनौतियों का समाधान निकाला जा सके।

रवींद्रन के मुताबिक, अन्य चुनौती वित्त वर्ष 23 के सांविधिक अंकेक्षण पूरा होने से जुड़ी है, जो जल्द पूरा होने की उम्मीद है। इसके अलावा और भी चुनौतियां हैं, जिनका सामना कंपनी कर रही है।

First Published - December 5, 2023 | 9:29 PM IST

संबंधित पोस्ट