वेदांत लिमिटेड ने वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के दौरान समेकित शुद्ध लाभ में पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 154.4 प्रतिशत का इजाफा देखा और यह बढ़कर 3,483 करोड़ रुपये हो गया। अधिक वॉल्यूम और कम लागत के आधार पर ऐसा। अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी की शुद्ध बिक्री जनवरी से मार्च की अवधि में पिछले साल की तुलना में 13.9 प्रतिशत बढ़कर 40,455 करोड़ रुपये हो गई।
इस तिमाही के दौरान कंपनी की अन्य आय पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 30.3 प्रतिशत बढ़कर 761 करोड़ रुपये हो गई। वेदांत के कार्यकारी निदेशक अरुण मिश्रा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘मौजूदा माहौल, जो अत्यधिक अस्थिर है, में हमारे आंकड़े काफी सुसंगत हैं।’उन्होंने कहा, ‘इस वृद्धि का प्रभाव बहुत ही बुनियादी बातों से प्रेरित है, वॉल्यूम में वृद्धि हुई है, हमारा लागत आधार संकुचित है और हम नकदी प्रवाह सृजन के लिहाज से हम काफी ज्यादा ध्यान केंद्रित करते हैं।’ उन्होंने बयान में कहा कि वित्त वर्ष 26 के मामले में कंपनी का ध्यान विकास और दक्षता पर केंद्रित है तथा वित्त वर्ष 25 में एल्युमीनियम और जस्ते के लिए अपनी ‘अब तक का सर्वाधिक सालाना वॉल्यूम’ प्रदान किया है।
अदाणी पावर ने जनवरी से मार्च तिमाही (वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही) के दौरान समेकित शुद्ध लाभ में पिछले साल की तुलना में 3.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। अन्य खर्चों में इजाफे की वजह से ऐसा हुआ। बिजली उत्पादक कंपनी का शुद्ध लाभ 2,637 करोड़ रुपये दर्ज किया गया जो एक साल पहले 2,737.96 करोड़ रुपये था। परिचालन से राजस्व पिछले साल के मुकाबले 6.5 प्रतिशत बढ़कर 14,237 करोड़ रुपये रहा। अन्य आय 298 करोड़ रुपये दर्ज की गई। इसमें सालाना आधार पर 42.4 प्रतिशत की गिरावट आई।
अदाणी पावर लिमिटेड के मुख्य कार्याधिकारी एसबी ख्यालिया ने कहा, ‘चूंकि हम क्षमता विस्तार के अगले चरण में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इसलिए अपनी प्रतिस्पर्धी बढ़त को तेज करने और प्रमुख मापदंडों पर सेक्टर में अपनी अग्रणी स्थिति का विस्तार करने के लिए पूंजी और लागत सुधार को प्राथमिकता दे रहे हैं।’ कंपनी ने कहा कि वॉल्यूम में वृद्धि की तुलना में वित्त वर्ष 25 और वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के दौरान निरंतर परिचालन राजस्व में धीमी वृद्धि, वित्त वर्ष 24 की तुलना में आयातित कोयले की कम कीमतों और कम वाणिज्य शुल्कों के कारण थी।
वैश्विक इस्पात विनिर्माता आर्सेलरमित्तल का शुद्ध लाभ जनवरी-मार्च तिमाही में 14 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ 80.5 करोड़ डॉलर पर आ गया। वैश्विक चुनौतियों के बीच कम बिक्री होने से इसका मुनाफा घटा है। भारतीय बाजार में भी अच्छी मौजूदगी रखने वाली आर्सेलरमित्तल ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी। इसने एक साल पहले की समान तिमाही में 93.8 करोड़ डॉलर का शुद्ध लाभ कमाया था। लक्जमबर्ग स्थित आर्सेलरमित्तल दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत इस्पात और खनन कंपनी है। यह जनवरी से दिसंबर की अवधि को वित्त वर्ष मानती है।
कंपनी के मुख्य कार्य अधिकारी आदित्य मित्तल ने कहा कि यह तिमाही भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच लगातार आपूर्ति और मजबूत मार्जिन वाली अन्य तिमाही थी जिसमें कर-पूर्व आय (एबिटा) 116 डॉलर प्रति टन रही। उन्होंने कहा, ‘हम अपने रणनीतिक वृद्धि एजेंडे पर अमल करना जारी रखे हैं, जिसके 2027 तक 1.8 अरब डॉलर की वृद्धिशील कर पूर्व आय देने की उम्मीद है।’मित्तल ने कहा कि वैश्विक व्यापार के बारे में बढ़ती अनिश्चितता कारोबारी भरोसे को नुकसान पहुंचा रही है और अगर जल्द इसका हल नहीं निकाला गया तो आगे आर्थिक व्यवधान पैदा करने का जोखिम है।
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब ऐंड सिंध बैंक का वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ दो गुना से अधिक होकर 313 करोड़ रुपये रहा। बैंक को फंसे कर्ज में कमी और मुख्य आय में वृद्धि से मदद मिली है। बैंक का वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी (जनवरी-मार्च) तिमाही में शुद्ध लाभ 139 करोड़ रुपये रहा था। पंजाब ऐंड सिंध बैंक ने बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में बैंक की कुल आय सालाना आधार पर 2,894 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,836 करोड़ रुपये हो गई। आलोच्य तिमाही में ब्याज आय बढ़कर 3,159 करोड़ रुपये हो गई, जो वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में 2,481 करोड़ रुपये थी। इस दौरान शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) भी बढ़कर 1,122 करोड़ रुपये हो गई, जो एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में 689 करोड़ रुपये थी। परिसंपत्ति गुणवत्ता के मोर्चे पर बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) सकल अग्रिमों के 3.38 प्रतिशत पर आ गईं, जबकि मार्च 2024 के अंत तक यह 5.43 प्रतिशत थीं। इसी प्रकार शुद्ध एनपीए घटकर अग्रिमों का 0.96 प्रतिशत रह गया, जो मार्च 2024 के अंत में 1.63 प्रतिशत था।
बंधन बैंक का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2024-25 की मार्च तिमाही में करीब छह गुना होकर 317.9 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले इसी तिमाही में बैंक ने 54.62 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। वित्त वर्ष 2024-25 के जनवरी-मार्च तिमाही में कुल आय बढ़कर 6,133 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले 2023-24 की इसी तिमाही में 5,890 करोड़ रुपये थी। पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में, शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 23.1 प्रतिशत बढ़कर 2,745 करोड़ रुपये हो गया। वर्ष के दौरान कुल आय बढ़कर 24,915 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले 21,041 करोड़ रुपये थी।
उज्जीवन स्मॉल फाइनैंस बैंक (एसएफबी) का जनवरी-मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ 75 प्रतिशत घटकर 83.39 करोड़ रुपये रह गया। बैंक का पिछले वित्त वर्ष समान अवधि में शुद्ध लाभ 329.63 करोड़ रुपये रहा था। उज्जीवन स्मॉल फाइनैंस बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी (जनवरी-मार्च) तिमाही में कुल आय बढ़कर 1,843 करोड़ रुपये हो गई। यह वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में 1,765 करोड़ रुपये थी। बैंक का कुल व्यय (प्रावधानों को छोड़कर) सालाना आधार पर 1,246 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,483 करोड़ रुपये हो गया।
सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का चौथी तिमाही का शुद्ध लाभ एकीकृत स्तर पर 57.7 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 8,123.64 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 5,148.87 करोड़ रुपये रहा था। क्रमिक आधार पर हालांकि तेल विपणन कंपनी का शुद्ध लाभ 284 फीसदी बढ़ा, जो इससे पिछली तिमाही में 2,115.29 करोड़ रुपये रहा था।
कंपनी का सालाना शुद्ध लाभ 13,597 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 41,729 करोड़ रुपये के मुकाबले 67 फीसदी कम है। इसकी वजह वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में आई गिरावट है।