देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज अपने कर्मचारियों की तरक्की के लिए एक विशेष पहल करने जा रही है।
कंपनी के सभी 91,000 कर्मचारियों को प्रमाणन कार्यक्रमों के दौर से गुजारा जाएगा। इस प्रमाणन कार्यक्रम के जरिये कर्मचारियों की विशेषज्ञता और योग्यता की जांच की जाएगी और इसी अनुभव के आधार पर उन्हें तरक्की दी जाएगी।
इन्फोसिस की उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख (एचआरडी) नंदिता गुर्जर ने कहा, ‘हमने इस वर्ष से अपने कर्मचारियों के लिए विभिन्न प्रशिक्षण प्रमाणन कार्यक्रम चलाने का फैसला किया है। जो कर्मचारी इन प्रमाणन मानदंडों के योग्य साबित होंगे उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां सौंपे जाने पर विचार किया जाएगा।’
बेंगलुरु की यह आईटी कंपनी खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। कंपनी कमजोर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों का पता लगाएगी और उन्हें मेधा तराशने का मौका देगी। गुर्जर ने कहा, ‘लेकिन यदि हम यह पाएंगे कि इन कर्मचारियों के प्रदर्शन में सुधार नहीं हो रहा है तो हम इन्हें पदच्युत कर देंगे।’
वैसे, इस वर्ष कम्प्यूटर निर्माता कंपनी आईबीएम भी इस तरह की पहल कर चुकी है। आईबीएम अपने कर्मचारियों के मेधा स्तर को सुनिश्चित कर 500-600 फ्रेशरों को बाहर का दरवाजा दिखा चुकी है। इसी तरह देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी टीसीएस ने अपने 500 कर्मचारियों से नौकरी छोड़ने को कहा है।
इस मामले में याहू इंडिया भी पीछे नहीं रही है। याहू इंडिया ने इन आधारों पर अपने 45 पूर्णकालिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। इन सभी कंपनियों ने कहा है कि यह सालाना ‘छंटनी’ प्रक्रिया का एक हिस्सा है।
इस दौरान अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी का असर इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज की कर्मचारियों को किराये पर रखने की योजना पर स्पष्ट तौर पर दिखा है। गुर्जर ने कहा कि कंपनी में वित्तीय वर्ष 2009 में 25,000 लोगों को किराये पर रखे जाने की संभावना है जो पिछले वर्ष की तुलना में 7,000 कम है।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यदि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार की संभावना दिखती है और उससे यदि हमारे हाथ में परियोजनाएं आती हैं तो हम और अधिक लोगों को किराये पर रखने पर विचार कर सकते हैं। अपनी चौथी तिमाही के परिणामों की घोषणा के दौरान इन्फोसिस के प्रबंधन ने यह स्वीकार किया है कि कंपनी अमेरिका में मंदी के असर से प्रभावित हुई है जो वास्तव में एक चिंता का विषय है।
राजस्व बढ़ोतरी में कमी चिंता का प्रमुख विषय है। कंपनी की 25,000 भर्तियों की योजना के तहत इंजीनियरिंग परिसरों से 18,000 प्रस्ताव आए हैं। 70-75 प्रतिशत ऑफर भर्ती में तब्दील हो गए हैं। तकरीबन 3500 उम्मीदवार फिलहाल मैसूर में प्रशिक्षण के चरण से गुजर रहे हैं जहां कंपनी का प्रशिक्षण संस्थान है।
कंपनी हर वर्ष तकरीबन 700 करोड़ रुपये अपने कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर खर्च कर रही है। इन्फोसिस बोर्ड के सदस्य टी. वी. मोहनदास पई के मुताबिक इस राशि में इस वर्ष 20 प्रतिशत का इजाफा किया जा सकता है।