मुंबई की पॉलिकैब इंडिया ने उपभोक्ता इलेक्ट्रिकल वस्तुओं के क्षेत्र में हैवेल्स इंडिया लिमिटेड का दबदबा तोड़ते हुए अग्रणी स्थान हासिल कर लिया है। इस तरह उसने इस क्षेत्र में हैवेल्स इंडिया लिमिटेड का दशक से चला आ रहा नेतृत्व खत्म कर दिया है। सोमवार तक पॉलिकैब का बाजार पूंजीकरण लगभग 1.09 लाख करोड़ रुपये था जबकि हैवेल्स का लगभग 1 लाख करोड़ रुपये था। पिछले 12 महीने के दौरान पॉलिकैब का बाजार पूंजीकरण 12 प्रतिशत बढ़ा है। इसके विपरीत हैवेल्स का 4.1 प्रतिशत घटा है। केबल और इलेक्ट्रिकल वस्तु बनाने वाली यह कंपनी राजस्व और लाभ वृद्धि दोनों ही में अपनी प्रतिस्पर्धी से आगे निकल गई है।
पॉलिकैब की यह बढ़त हाल के वर्षों में बेहतर परिचालन निष्पादन और वित्तीय अनुशासन दर्शाती है। उसकी आमदनी में यह वृद्धि केबल और वायर के उसके मुख्य कारोबार के साथ-साथ दैनिक उपभोक्ता
इलेक्ट्रिकल वस्तुओं (एफएमईजी) में बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी से आई है। यह ऐसी श्रेणी है जिस पर हैवेल्स का लंबे समय से दबदबा रहा है। एफएमईजी में स्विचगियर, लाइटिंग, पंखे और घरेलू उपकरणों जैसे छोटी इलेक्ट्रिकल वस्तुएं शामिल रहती हैं।
इसके विपरीत हैवेल्स को अपने स्विचगियर, लाइटिंग और इलेक्ट्रिकल उपभोक्ता वस्तुओं के खंड में राजस्व और मार्जिन के दबाव का सामना करना पड़ा है। लॉयड ब्रांड के जरिये घरेलू उपकरणों – एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, टीवी, वाशिंग मशीन में उसके जोरदार विस्तार से अभी तक बड़ी आमदनी पैदा नहीं हुई है। लॉयड ने दो अंकों की जोरदार राजस्व वृद्धि के बावजूद बहुत कम मार्जिन दर्ज किया है।
वित्त वर्ष 25 में पॉलिकैब की शुद्ध बिक्री 22.4 प्रतिशत बढ़कर 22,408 करोड़ रुपये हो गई। हैवेल्स की शुद्ध बिक्री 21,778 करोड़ रुपये रही। इसमें सालाना आधार पर 17.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ। पॉलिकैब का शुद्ध लाभ बढ़कर 1,930 करोड़ रुपये हो गया। उसने हैवेल्स के 1,483.4 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ से ज्यादा कमाया। हालांकि वित्त वर्ष 25 में हैवेल्स का शुद्ध लाभ 17.4 प्रतिशत की दर से ज्यादा तेजी से बढ़ा, जबकि पॉलिकैब की वृद्धि दर 12.4 प्रतिशत रही।
तीन वर्षों में हैवेल्स की बिक्री 16 प्रतिशत की वार्षिक चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ी जो वित्त वर्ष 22 से वित्त वर्ष 25 तक पॉलिकैब की 22.5 प्रतिशत की सीएजीआर से पीछे रही। लाभ में यह अंतर ज्यादा स्पष्ट है। हैवेल्स का शुद्ध लाभ 7.42 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर वित्त वर्ष 22 के 1,196.8 करोड़ रुपये की तुलना में वित्त वर्ष 25 में 1,483.4 करोड़ रुपये हो गया जबकि पॉलिकैब का शुद्ध लाभ दोगुना से भी अधिक रहा। इसमें 29.3 प्रतिशत की सीएजीआर दर्ज की गई।
विश्लेषक पॉलिकैब की मजबूती का श्रेय केबल और वायर (सीऐंडडब्ल्यू) में निरंतर वृद्धि को देते हैं, जहां वह खासे अंतर के साथ बाजार में अग्रणी बनी हुई है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा, ‘केबल और वायर में वृद्धि का कारण अधिक सरकारी व्यय है। इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र के विनिर्माण में वृद्धि के साथ-साथ बैकवर्ड इंटीग्रेशन भी इस कारोबार के लिए अतिरिक्त अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करता है।’
पॉलिकैब ने अपने एफएमईजी पोर्टफोलियो का विस्तार करने के लिए सीऐंडडब्ल्यू में अपनी अग्रणी स्थिति का लाभ उठाया है।