प्राइवेट इक्विटी फंडों ने टाटा संस में शापूरजी पलोनजी (एसपी) समूह की 18.4 प्रतिशत हिस्सेदारी का मूल्यांकन बाजार भाव के मुकाबले 25 से 40 प्रतिशत कम कर रहे हैं। कुछ पीई फंड एसपी समूह को ऋण की पेशकश कर रहे हैं और कुछ टाटा संस में उनकी हिस्सेदारी खरीदना चाह रहे हैं। इस तरह, वे एसपी समूह की हिस्सेदारी खरीदने के लिए बाजार भाव के मुकाबले 25 से 40 प्रतिशत तक कम भुगतान करना चाहते हैं। एसपी समूह पर जमा ऋण के कुछ हिस्से के भुगतान के लिए ऋण देने की पेशकश करने वाले पीई फंडों ने शेयरों का मूल्यांकन बाजार भाव से 35 से 35 प्रतिशत कम स्तर पर किया है। हालांकि जो वैश्विक पीई फंड टाटा संस में एसपी ग्रुप की हिस्सेदारी खरीदना चाहते हैं उन्होंने 30-40 प्रतिशत तक कम भाव अदा करना चाहते हैं।
कुछ दिनों पहले उच्चतम न्यायालय ने साइरस मिस्त्री की याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद से हटाने के निर्णय को भी सही ठहराया था। न्यायालय के इस निर्णय के बाद ही टाटा संस में एसपी समूह की हिस्सेदारी के मूल्यांकन की कवायद शुरू हुई है। ऐसी खबरे हैं कि टाटा संस भी अपने शेयरों की अचानक बिक्री से बचने के लिए न्यायालय जाने की योजना बना रही है। हालांकि ऐसी नौबत तब आएगी जब एसपी ग्रुप इन शेयरों को गिरवी रखेगी। ऋण की पेशकश करने वाले पीई फंड एसपी परिवार से निजी गारंटी और समूह की कंपनियों में शेयर गिरवी रखने की शर्त रख रहे हैं। इस बारे में ऐसी एक पीई कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है कि वे टाटा संस के शेयर गिरवी रखेंगे या नहीं, इसलिए उनके समूह के शेयर गिरवी रखने के अलावा उनसे निजी गारंटी मिलने पर हम रकम देने के लिए तैयार हैं।’