पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस की तरफ से पेश देश के सबसे बड़े आईपीओ को पहले दिन शाम 5 बजे तक 18 फीसदी आवेदन मिले।
डिजिटल भुगतान क्षेत्र की दिग्गज कंपनी इस आईपीओ के जरिये 18,300 करोड़ रुपये जुटा रही है। पेटीएम पहले ही एंकर निवेशकों को 8,235 करोड़ रुपये के शेयर आवंटित कर चुकी है। सिंगापुर की जीआईसी, कनाडा की सीपीपीआईबी, ब्लैकरॉक और अबु धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी आदि को एंकर श्रेणी में शेयर आवंटित किए गए हैं। इस आईपीओ में 8,300 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे जबकि 10,000 करोड़ रुपये के शेयरों की द्वितीयक बिक्री होगी। इसका कीमत दायरा 2,080 रुपये से 2,150 रुपये प्रति शेयर है। कीमत दायरे के ऊपरी स्तर पर पेटीएम का मूल्यांकन 1.39 लाख करोड़ रुपये होगा।
पेटीएम के 33.7 करोड़ पंजीकृत उपभोक्ता और 2.18 करोड़ से ज्यादा पंजीकृत मर्चेंट 30 जून, 2021 तक थे। पेटीएम का जीएमवी जून 2021 में समाप्त तीन महीने की अवधि में बढ़कर 1,469 अरब पर पहुंच गया, जो जून 2020 में 697 अरब था।
रिलायंस सिक्योरिटीज के एक नोट में कहा गया है, आईपीओ का मूल्यांकन वित्त वर्ष 21 के प्राइस टु सेल्स के 43.7 गुने पर है और वित्त वर्ष 22 के सालाना प्राइस टु सेल्स का 36.7 गुना है, जो हाल में सूचीबद्ध जोमैटो के मुकाबले 12 फीसदी कम है।
नोट में कहा गया है, देसी बाजार मेंं हालांकि पेटीएम की समकक्ष कोई कंपनी सूचीबद्ध नहीं है, लेकिन हमारा मानना है कि पेटीएम जैसे यूनिकॉर्न के लिए उच्च मूल्यांकन बना रह सकता है। साथ ही महामारी के बावजूद वित्त वर्ष 19-वित्त वर्ष 21 में जीएमवी में 33 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि के हिसाब से बढ़ोतरी पेटीएम की अग्रणी स्थिति और ब्रांड वैल्यू को स्पष्ट करता है। इसके अलावा वित्त वर्ष 21 व वित्त वर्ष 26 के बीच अनुमानित तौर पर डिजिटल भुगतान की वैल्यू सालाना 17 फीसदी चक्रवृद्धि के हिसाब से बढ़कर 40 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंचना लंबी अवधि में स्थायी बढ़त का संकेत देता है। ऐसे में हम लंबी अवधि के लिहाज से इस आईपीओ में आवेदन की सलाह दे रहे हैं।
मारवाड़ी फाइनैंशियल सर्विसेज जैसे कुछ ब्रोकरेज ने हालांकि सतर्क रुख अपनाया है। इसमें कहा गया है, इश्यू के बाद के आधार पर पिछले 12 महीने (जून 2021) की बिक्री 3,142 करोड़ रुपये को देखते हुए कंपनी 44.36 गुने मार्केट कैप टु सेल्स पर सूचीबद्ध होने जा रही है।