भारतीय फिनटेक दिग्गज पेटीएम इस साल मुनाफे में आ सकती है, क्योंकि कोविड-19 महामारी की वजह से उसके पेमेंट प्लेटफॉर्मों के इस्तेमाल में बड़ी तेजी आई है। कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी एवं संस्थापक ने रॉयटर्स नेक्स्ट कॉन्फ्रेंस में एक पैनल के साथ बातचीत में इसका खुलासा किया।
प्रौद्योगिकी के जरिये वित्तीय चुनौतियों से निपटने के विषय पर बोलते हुए पेटीएम के विजय शेखर शर्मा ने कहा कि संकट से ज्यादा संख्या में व्यवसायियों को पेटीएम के प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल करने और डिजिटल भुगतान अपनाने के लिए बाध्य होना पड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘हम इस साल भरपाई के स्तर पर पहुंच सकते हैं और फिर हम पैसा कमाना शुरू करेंगे। महामारी के दौरान 2020 में पैदा हुए अवसरों को देखकर मैं चकित था। न सिर्फ हमारे पूंजी खातों को मजबूती मिली बल्कि उधारी खंड से भी मदद मिली।’
लोगों के लिए अपने मोबाइल फोन रिचार्ज के तौर पर अपनी सेवा शुरू करने वाली पेटीएम मौजूदा समय में पूरे भारत में व्यवसायियों के लिए डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म, रकम स्थानांतरण और बिल भुगतान की पेशकश करती है। उसके उधारी व्यवसाय में अन्य ऋणदाताओं की भागीदारी में क्रेडिट कार्डों, पर्सनल लोन और मर्चेंट कैश लोन मुख्य रूप से शामिल हैं।
जब शर्मा से यह पूछा गया कि क्या चीन की फिनटेक दिग्गज आंट फाइनैंशियल और जापान की सॉफ्टबैंक द्वारा समर्थित पेटीएम जल्द ही शेयर बाजार में सूचीबद्घ होगी, तो उन्होंने कहा कि यदि यह लाभकारी होगा तो इस पर विचार किया जाएगा, लेकिन फिलहाल इस तरह की कोई योजना नहीं है।
पेटीएम की वैल्यू 2019 में निजी कोष उगाही दौर के दौरान करीब 16 अरब डॉलर थी।
ब्राजील की फिनटेक न्यूबैंक की सह-संस्थापक क्रिस्टीना जुंक्वीरा ने कहा कि कोरोनावायरस संकट से लैटिन अमेरिका में करोड़ों लोगों को पहली बार डिजिटल बैंकिंग की राह अपनाने के लिए आगे आना पड़ा था।
उन्होंने कहा, ‘महामारी की वजह से वित्तीय तौर पर प्रभावित हुए लोगों के लिए सरकारी राहत प्राप्त करने के तरीके तलाशने की भी जरूरत थी और उन्होंने डिजिटल माध्यम को अपनाने पर जोर दिया।’
न्यूबैंक अब अपने प्लेटफॉर्म पर जमाओं में आई तेजी का इस्तेमाल उधारी व्यवसाय बढ़ाने में करने पर विचार कर रहा है।
जुंक्वीरा ने कहा, ‘चूंकि सुधार आ रहा है और ऐसे में नए सिरे से कारोबारी ढांचे पर अमल करने की जरूरत है। मुश्किल दौर से जूझ चुकीं कंपनियां और लोगों को पैसे की जरूरत होगी। हमें उम्मीद है कि 2021 एक ऐसा वर्ष है जिसमें हम उधारी व्यवसाय 10 गुना बढ़ाने में सक्षम होने की कोशिश कर सकते हैं।’
क्रेडिट कार्ड को छोड़कर, न्यूबैंक की ऋण बुक जून 2020 तक 6.251 करोड़ डॉलर पर थी।
जुंक्वीरा ने कहा, ‘हमारे पास बड़ी तादाद में जमाएं हैं, इसलिए हम इसमें से ज्यादातर पूंजी 2021 में खर्च किए जाने की उम्मीद कररहे हैं और इससे आर्थिक विकास को मदद मिलेगी।’
उन्होंने कहा कि न्यूबैंक कब तक मुनाफे में आएगा, यह इस पर निर्भर करेगा कि वह कितनी तेज से विस्तार करताहै, लेकिन यह 18 महीने के अंदर हो सकता है। उन्होंने कहा कि कंपनी सूचीबद्घता को लेकर जल्दबाजी में नहीं है।