भले ही कंज्यूमर ड्यूरेबल कंपनियां इस उम्मीद से आगामी त्योहारी सीजन में कमाई करने की तैयारी कर रही हैं कि दशहरा और दीवाली से बिक्री में इजाफा होगा, लेकिन विश्लेषक इसे लेकर सतर्क हैं कि इस सेगमेंट में सुधार में लंबा समय लगेगा। उनका मानना है कि निवेशकों को 12-18 महीने के नजरिये से पैसा लगाना चाहिए, और वह भी गिरावट पर।
नोमुरा की 14 सितंबर की रिपोर्ट में कहा गया कि चूंकि भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी वृद्घि की राह मजबूत हो रही है, लेकिन मांग और पहुंच के स्तरों में भी सुधार जरूरी है।
नोमुरा में सिद्घार्थ बेरा और कपिल सिंह द्वारा 14 सितंबर को मिलकर तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमारा विश्लेषण संकेत देता है कि एसी उद्योग कोविड-19 प्रभाव के बावजूद वित्त वष 2020-वित्त वर्ष 2025एफ के दौरान करीब 8-10 प्रतिशत की सालाना वृद्घि दर्ज कर सकता है और प्रति 100 परिवार 18 के पहुंच स्तर को छू सकता है, जो 2005-06 में चीन के मुकाबले करीब आधा है। रेफ्रिजरेटरों/वाशिंग मशीनों की बिक्री में वृद्घि 6-8 प्रतिशत पर धीमी रहने की संभावना है और पहले से ही ऊंचे पहुंच स्तरों को देखते हुए फैन सेगमेंट में यह कमजोर रह
सकती है।’
विश्लेषकों का मानना है कि कंपनियां अब मौजूदा कोविड-19 प्रभावित समय में अपनी बिक्री बढ़ाने के प्रयास में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ध्यान केंद्रित करेंगी। गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, भारत में ई-कॉमर्स वर्ष 2021 में 33 प्रतिशत तक बढऩे की संभावना है, जो 2020 में दर्ज की गई 18 प्रतिशत की वृद्घि से ज्यादा है।
पीडब्ल्यूसी की अगस्त 2020 की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘चूंकि दूरदराज के इलाकों में छोटे बाजारों मांग बढ़ी है, इसलिए कंपनियों को नए
विकास केंद्रों की पहचान और प्राथमिकता के लिए अपनी बाजार रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।’
