दक्षता बढ़ाने पर हमारी नजर

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 4:02 AM IST

बीएस बातचीत
टेक महिंद्रा ने लागत में कटौती के विभिन्न उपायों के बल पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उम्मीद से बेहतर वित्तीय नतीजे दर्ज किए हैं। कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक सीपी गुरनानी ने साई ईश्वर एवं देवाशिष महापात्र से बातचीत में कहा कि मांग परिदृश्य साफ न होने के बावजूद स्थिति में सुधार हुआ है। पेश हैं मुख्य अंश:
टेक महिंद्रा के अधिकतर प्रतिस्पर्धियों ने कोविड-19 के सबसे बुरे दौर के खत्म होने का संकेत दिया है। इस पर आप क्या कहेंगे?
मौजूदा परिदृश्य में इसका आकलन करना असंभव है। इसलिए हमने कभी कोई पूर्वानुमान जाहिर नहीं किया है। आज एक कारोबारी योजनाकार के तौर पर यह कहना असंभव है कि अगले छह महीने में कैसी स्थिति रहेगी। उद्योग के बेहतरीन जानकारों का मानना है कि अधिकतर बाजारों में जीडीपी वृद्धि नकारात्मक रहेगी। इसका मतलब साफ है कि लोग अपने निर्णय (खर्च करने के) को टाल रहे हैं। अच्छी बात यह है कि हम एक प्रौद्योगिकी कंपनी हैं और सभी को प्रतिस्पर्धी और डिजिटल बने रहना होगा।

मुक्त नकदी प्रवाह के लिहाज से टेक महिंद्रा सर्वकालिक ऊंचाई पर है। क्या आप राजस्व वृद्धि को रफ्तार देने के लिए विलय-अधिग्रहण पर गौर करेंगे?
हमारी पूंजी आवंटन नीतियां कहीं अधिक परिभाषित हैं। हम अपनी दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। यदि आप हमारे सभी हालिया अधिग्रहण पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि सेरियम सेमी-कंडक्टर दक्षता बढ़ाने वाला अधिग्रहण था। बॉर्न ग्रुप का अधिग्रहण ग्राहक-अनुभव प्रबंधन में क्षमता बढ़ाने के लिए किया गया जबकि जेन3 से कृत्रिम बुद्धिमत्ता संबंधी दक्षमता में बढ़ोतरी हुई। दक्षता बढ़ाने वाले इस प्रकार के अधिग्रहण पर हमारी नजर लगातार रहेगी।

अधिकतर कंपनियों के लिए संभावित सौदे काफी दिख रहे हैं लेकिन सौदे हासिल होने की रफ्तार सुस्त है। क्या आपको लगता है कि इसमें तेजी आएगी?
पहले 45 दिन (पहली तिमाही के) बेहद सुस्त थे क्योंकि लोग धीरे-धीरे कारोबार को सुचारु करने में जुटे थे। दूसरी छमाही में हमने सौदे हासिल होते देखा है। हमारे अधिकतर सौदे- कुल 29 करोड़ डॉलर में- मई और जून के आखिर में पूरे हुए। उसमें तेजी दिख रही है लेकिन यदि आप समग्र परिप्रेक्ष्य में देखेंगे तो आपको सौदों का आकार भी पर्याप्त दिखेगा। हमारा कहना है कि निर्णय लेने में सामान्य से अधिक वक्त लग रहा है। मौजूदा सौदों की रफ्तार पर कोई खास प्रभाव नहीं दिख रहा है।

First Published : August 1, 2020 | 1:15 AM IST