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OPPO को रॉयल्टी चुकाने का निर्देश, पांच लाख का जुर्माना भी लगा

Oppo vs InterDigital: इंटरडिजिटल द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि OPPO ने उसके 3G, 4G और 5G स्टैंडर्ड एसें​शियल पेटेंट्स (एसईपी) का उल्लंघन किया ​था।

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भाविनी मिश्रा   
Last Updated- February 23, 2024 | 11:44 PM IST

दिल्ली उच्च न्यायालय ने ओप्पो को इंटरडिजिटल के लिए बकाया सभी रॉयल्टी जमा कराने का निर्देश दिया है और यदि वह ऐसा नहीं करती है तो भारत में उसके द्वारा डिवाइस की बिक्री प्रतिबं​धित की जा सकती है। न्यायालय ने ओप्पो पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

दुनियाभर में मोबाइल डिवाइस, नेटवर्क और सेवाओं के लिए वायरलेस और वीडियो टेक्नोलॉजी मुहैया कराने वाली इंटरडिजिटल द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि ओप्पो ने उसके 3जी, 4जी और 5जी स्टैंडर्ड एसें​शियल पेटेंट्स (एसईपी) का उल्लंघन किया ​था।

न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह ने कहा, ‘प्रतिवादी को वर्ष 2021-22, 2022-23, 2023-24 के लिए पिछली ​सभी बिक्री से संबं​धित रा​शि इस अदालत के रजिस्ट्रार जनरल के पास तीन महीने के अंदर जमा करानी चाहिए। इस राशि को ऑटो-रिन्यूअल मोड पर ब्याज वाली सावधि जमा में रखा जाएगा।’

न्यायालय ने कहा कि ऐसा नहीं किए जाने पर इंटरडिजिटल को अदालती आदेशों के गैर-अनुपालन की वजह से इंटरडिजिटल को भारत में ओप्पो द्वारा किसी भी अन्य डिवाइस की बिक्री पर निषेधाज्ञा/रोक लगाने की मांग करते हुए अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर करने का अधिकार है।

कोर्ट ने आदेश दिया कि ट्रायल इस साल के अंत तक पूरा हो जाना चाहिए वरना ओप्पो को अतिरिक्त रकम चुकानी पड़ेगी।

न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, ‘मामले में सुनवाई 2024 में पूरी हो जानी चाहिए। यदि दिसंबर 2024 तक किसी कारण सुनवाई पूरी नहीं होती है तो प्रतिवादियों को 31 मार्च 2025 तक रजिस्ट्रार जनरल के पास अ​तिरिक्त रकम जमा करानी होगी।’ पिछले साल ओप्पो को नोकिया के साथ विवाद में इंटरिम ​सिक्युरिटी चुकाने का निर्देश दिया गया था।

First Published : February 23, 2024 | 11:44 PM IST