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Office space rent: सुस्त मांग के बावजूद ऑफिस किराया बढ़ा, co-working space की हिस्सेदारी बढ़कर दोगुनी से ज्यादा

एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में देश के 7 शीर्ष शहरों में ऑफिस के औसत किराये में 7 फीसदी इजाफा हुआ है।

Last Updated- December 07, 2023 | 3:40 PM IST
Supply of office space decreased by 6% in 8 major cities last year, demand at all-time high बीते साल 8 प्रमुख शहरों में ऑफिस स्पेस की सप्लाई 6% घटी, मांग ऑलटाइम हाई पर
Representative Image

ऑफिस की मांग कमजोर रहने के बावजूद इनके किराये में बढ़ोतरी देखी जा रही है। रियल एस्टेट सलाहकार फर्म एनारॉक समूह की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2013-24 की पहली छमाही में देश के 7 प्रमुख शहरों में ऑफिस के औसत किराये में 7 फीसदी इजाफा हुआ है। इस अवधि में ऑफिस पट्टे पर लेने में एक फीसदी कमी आई है, जबकि इन शहरों में ऑफिस की नई आपूर्ति में करीब 5 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस बीच, कुल ऑफिस मांग में आईटी सेक्टर की हिस्सेदारी में कमी आ रही है, जबकि coworking space की हिस्सेदारी बढ़ रही है।

सबसे ज्यादा चेन्नई में 10 फीसदी बढ़ा ऑफिस किराया
इस रिपोर्ट के अनुसार चेन्नई में ऑफिस किराये में सबसे ज्यादा 10 फीसदी वृद्धि हुई है। चेन्नई में पहली छमाही में औसत किराया 62 रुपये से बढ़कर 68 रुपये वर्ग फुट प्रति माह हो गया है। इसके बाद हैदराबाद में औसत किराया 8 फीसदी बढ़कर 66 रुपये वर्ग फुट प्रति माह हो गया है। बेंगलुरू, पुणे और कोलकाता में ऑफिस के औसत किराये में 7 फीसदी इजाफा हुआ है। इस बढ़ोतरी के साथ पुणे में औसत किराया 79 रुपये, बेंगलूरू में 90 रुपये और कोलकाता में 58 रुपये वर्ग फुट प्रति माह हो गया है। एनसीआर और मुंबई मेट्रोपॉलिटिन रीजन (एमएमआर) में औसत किराये में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही एनसीआर में ऑफिस किराया 81 रुपये और एमएमआर में 136 रुपये वर्ग फुट प्रति माह हो गया है।

यह भी पढ़ें : अक्टूबर-नवंबर में ऑफिस में काम करने वालों की भर्ती में 12% की गिरावट: रिपोर्ट

कुल ऑफिस मांग में आईटी की हिस्सेदारी घटी, coworking space की बढ़ी
एनारॉक की इस रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में ऑफिस पट्टे पर लेने में आईटी/आईटीईएस सेक्टर का दबदबा रहा। हालांकि कुल ऑफिस की कुल मांग में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी में कमी आ रही है। वित्त वर्ष 2019-20 में इस सेक्टर की हिस्सेदारी 46 फीसदी थी, लेकिन अब यह वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में घटकर 29 फीसदी रह गई है। आईटी सेक्टर की हिस्सेदारी घटने के बीच coworking space की हिस्सेदारी बढ़कर दोगुनी से ज्यादा हो गई है। वित्त वर्ष 2019-20 की पहली छमाही में कुल ऑफिस में coworking space की हिस्सेदारी 11 फीसदी थी, जो वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में बढ़कर 24 फीसदी हो गई। इस अवधि में बेंगलूरू में हिस्सेदारी 23 फीसदी से बढ़कर 32 फीसदी हो गई है। coworking space की हिस्सेदारी बढ़ता कई कॉरपोरेट्स द्वारा लीजिंग प्रवृत्ति में बदलाव को दर्शाता है जो अब फ्लेक्सी ऑफिस स्पेस को एक व्यवहार्य और अधिक लागत प्रभावी विकल्प के रूप में देखते हैं। इस बीच, ऑफिस बनकर तैयार होने में वृद्धि के बीच एनसीआर, एमएमआर और कोलकाता को छोड़कर अधिकांश शीर्ष शहरों में ऑफिस खाली रहने के स्तर (vacancy level) में मामूली वृद्धि हुई। शीर्ष 7 शहरों में ग्रेड-ए ऑफिस खाली रहने की औसत दर सामूहिक रूप से 0.95 फीसदी है। यह वित्त वर्ष 23 की पहली छमाही में 15.9 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में 16.85 फीसदी हो गई।

आगे ऑफिस की मांग मजबूत रहने की उम्मीद
एनारॉक समूह में क्षेत्रीय निदेशक और अनुसंधान प्रमुख प्रशांत ठाकुर ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में शीर्ष 7 शहरों में ग्रेड ए ऑफिस किराये का औसत मूल्य 83 रुपये था, जो वित्त वर्ष 2022-23 की इसी अवधि में के औसत किराये लगभग 77.5 रुपये प्रति वर्ग फुट प्रति माह से 7 फीसदी ज्यादा है। किराये में इस बढ़ोतरी की वजह निर्माण और अन्य लागत बढ़ना है। ठाकुर कहते हैं कि ‘व्यापक रूप से अनुमान लगाया गया था कि दुनिया भर में कई बड़े कॉरपोरेट्स द्वारा छंटनी और कारोबार की मात्रा में कमी के कारण भारत में कमर्शियल ऑफिस स्पेस की मांग में गिरावट आएगी। लेकिन सभी प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में कार्यालय गतिविधि काफी हद तक अपरिवर्तित रही। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही की तुलना में चालू वित्त वर्ष की इसी अवधि में ऑफिस की नई आपूर्ति में 5 फीसदी वृद्धि देखी गई। हालांकि मांग में महज एक फीसदी गिरावट आई। रिपोर्ट में आगे ऑफिस की मांग के बारे में कहा गया कि भारतीय कमर्शियल ऑफिस स्पेस की मांग वर्तमान वैश्विक परिवेश में अल्पकालिक चुनौतियों का सामना कर रही है। लेकिन मध्य से दीर्घकालिक दृष्टिकोण सकारात्मक बना हुआ है। यह देखते हुए कि वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी छमाही से ऑफिस मार्केट में स्थिरता लौट सकती है।

First Published - December 7, 2023 | 3:40 PM IST

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