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उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का लाभ उठाते हुए Nokia India में अपने कारखाने से उत्पादन का 30 से 70 प्रतिशत के बीच निर्यात कर रही है। इससे दूरसंचार उपकरण क्षेत्र की फिनलैंड की इस कंपनी के लिए भारत महत्त्वपूर्ण केंद्र बन गया है।
हाल में नोकिया इंडिया के कंट्री हेड के रूप में नियुक्त तरुण छाबड़ा कहते हैं, ‘हमारा निर्यात 30 से 70 प्रतिशत तक रहता है जो इस बात पर निर्भर करता है कि घरेलू खपत कितनी है। पिछले साल हमारा निर्यात 50 प्रतिशत रहा, मुख्य रूप से रेडियो उपकरण का। हमने पिछले 16 वर्षों में इस देश में सटीक रूप से 79 लाख रेडियो उपकरण निर्मित किए हैं और अमेरिका सहित दुनिया के 80 से 100 देशों को निर्यात किए हैं।’
छाबड़ा कहते हैं कि भारत कई कारणों से वैश्विक रूप से महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘यह हमारे लिए तीन से चार प्रमुख बाजारों में से एक है। इसके अलावा यह कई कोणों से बहुत अहम है। वैश्विक स्तर पर कुल 80,000 में से भारत में हमारे 17,000 कर्मचारी हैं। बेंगलूरु में हमारे पास सबसे बड़े आरऐंडडी केंद्रों में शामिल एक केंद्र है जिसमें 7,000 से 8,000 कर्मचारी हैं, खास कर मोबाइल नेटवर्क और अन्य क्षेत्रों में। फिर हमारे पास भारत में वैश्विक सहायता और वितरण केंद्र हैं, जहां से हम अन्य ग्राहकों की मदद कर रहे हैं।’
भारत में कंपनी का राजस्व साल 2024 की चौथी तिमाही में 46.3 करोड़ यूरो तक पहुंचा जो साल 2023 की चौथी तिमाही के 37.9 करोड़ यूरो से 22 प्रतिशत अधिक है। अलबत्ता साल 2024 की पहली से चौथी तिमाही के दौरान इसका कुल राजस्व 137.3 करोड़ यूरो रहा, जिसमें पिछले साल के 284.2 करोड़ यूरो की तुलना में गिरावट आई। उस समय यह देश में सभी प्रमुख दूरसंचार कंपनियों के लिए बड़ा 5जी नेटवर्क स्थापित कर रही थी।
छाबड़ा का कहना है, ‘हालांकि साल 2024 साल 2023 से कमतर रहा, लेकिन साल 2025 में साल 2024 के मुकाबले वृद्धि की उम्मीद है। उदाहरण के लिए एफडब्ल्यूए (फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस) में वृद्धि हो रही है। कुल मिलाकर यह कामयाबी की कहानी बन रही है और एफडब्ल्यूए उपकरण मोबाइल फोन की तुलना में आठ से 10 गुना ज्यादा डेटा की खपत करते हैं। इसलिए इसका मतलब यह है कि अगर एफडब्ल्यूए बढ़ता है, तो ज्यादा बैंडविड्थ की जरूरत होगी जो 10 करोड़ मोबाइल ग्राहकों के बराबर है और यह हमारे लिए बड़ा अवसर है।’