बीएस बातचीत
डीएसपी इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के अध्यक्ष कल्पेन पारेख का मानना है कि मौजूदा स्तरों पर, बाजार काफी हद तक वित्त वर्ष 2023 के लिए आय आंकड़ों पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने पुनीत वाधवा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि निवेशकों के लिए परिसंपत्ति आवंटन को पुन: संतुलित करने के लिए यह अच्छा समय है। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
क्या आप आगामी महीनों में गिरावट का जोखिम देख रहे हैं?
वैश्विक रूप से और भारत में ब्याज दरों में अपने सर्वाधिक निचले स्तरों के बाद से बदलाव आया है। हमें उम्मीद है कि सरकार ऊंची वृद्घि फिर से हासिल करने के लिए ज्यादा खर्च कर सकती है। इसके लिए बॉन्डों के जरिये बड़ी उधारी की जरूरत होती है। यदि ब्याज दरें तेजी से बढ़ती हैं तो हमारा मूल्यांकन नीचे आ सकता है। वैश्विक प्रवाह में मंदी हमारे बाजारों के लिए प्रमुख जोखिम है। मौजूदा स्तरों पर, बाजार काफी हद तक वित्त वर्ष 2023 के आय आंकड़ों पर ध्यान दे रहे हैं। इसलिए आय परिदृश्य में किसी तरह का बदलाव बाजारों पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
यदि आय उम्मीद के अनुरूप घटती है तो क्या बिकवाली का ताजा दौर देखा जा सकता है?
कच्चे माल की लागत कई उद्योगों में बढ़ी है। इनमें से कई कीमतें, खासकर जिंसों में, आपूर्ति किल्लत की वजह से चढ़ी हैं, न कि मजबूत मांग की वजह से। यदि कंपनियां बढ़ती उत्पादन लागत का बोझ ग्राहक पर नहीं डाल पाती हैं तो उनका मार्जिन घट जाएगा। यदि कंपनियां यह बोझ अपने ग्राहकों पर डालती हैं तो फिर मांग घट सकती है। हमें यह समझने के लिए इंतजार करना होगा कि ताजा मांग वृद्घि कितनी टिकाऊ होगी। यदि ऐसा नहीं होता है तो आय नीचे आ सकती है और बाजार में गिरावट की आशंका गहरा सकती है। आंतरिक विश्लेषक अनुमानों के आधार पर हमें निफ्टी-50 आय में वित्त वर्ष 2022 के लिए 28 प्रतिशत की वृद्घि की उम्मीद है।
2021 में अब तक आपकी निवेश रणनीति कैसी रही है?
पोर्टफोलियो दृष्टिकोण दीर्घावधि निवेश परिदृश्य के अनुकूल है। हमने निजी क्षेत्र के बैंकों, एनबीएफसी, हेल्थकेयर, सीमेंट, कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी, और कुछ खास नॉन-डिस्क्रेशनरी कंपनियों पर सकारात्मक नजरिया बरकरार रखा है।हमने कुछ पूंजीगत वस्तु कंपनियों पर भी ध्यान देना शुरू किया है, क्योंकि हम उन्हें पूंजीगत खर्च में सुधार से लाभान्वित होने की संभावना देख रहे हैं। हम मौजूदा समय में विद्युत इकाइयों, तेल विपणन कंपनियों और धातु क्षेत्र पर अंडरवेट हैं।
इक्विटी म्युचुअल फंडों ने फरवरी में लगातार आठवें महीने निकासी दर्ज की। क्या आपका मानना है कि अब जल्द ही इस रुझान में बदलाव आएगा?
पूंजी प्रवाह हमेशा चक्रीय रहा है। भारी गिरावट (2020) के बाद समान रूप से तेज सुधार दर्ज किया गया है। निवेशक अस्थिरता नहीं चाहते हैं और ऐसे भारी उतार-चढ़ाव ऊंची कीमतों पर मुनाफावसूली को बढ़ावा देते हैं। यह रुझान बरकरार रह सकता है, हालांकि कई महीनों के बाद मार्च में सकारात्मक प्रवाह देखा गया है।
निवेशकों को आप क्या सलाह देना चाहेंगे?
परिसंपत्ति आवंटन को पुन: संतुलित बनाने के लिए यह अच्छा समय है। ऊंचे मूल्यांकन पर परेशानी महसूस करने वाले निवेशकों को इक्विटी से जल्दबाजी में बाहर नहीं निकलना चाहिए। इसके बजाय वे अपने इक्विटी निवेश को पुन: संतुलित बनाने के लिए डायनेमिक परिसंपत्ति आवंटन फंडों की तरफ ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। मौजूदा समय में, इक्विटी में निवेश आवंटन बढ़ाना पूरी तरह से समय-केंद्रित होगा और इसमें निवेश सात वर्षों की अवधि को ध्यान में रखकर की जानी चाहिए।