प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन रेलवे फाइनैंस कॉर्पोरेशन (आईआरएफसी) ने शुक्रवार को घरेलू ऋण पूंजी बाजार से बॉन्ड के माध्यम से 3,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। सूत्रों ने बताया कि भारतीय रेलवे के लिए धन जुटाने वाली इकाई आईआरएफसी ने 5 साल में पूरे होने वाले बॉन्ड से यह धन 6.65 प्रतिशत की रिकॉर्ड निचली कट ऑफ दर पर जुटाया है।
बाजार से जुड़े हिस्सेदारों का कहना है कि कम अवधि के बॉन्ड की अधिक मांग, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में 25 आधार अंक और कटौती की उम्मीद तथा नकदी पर्याप्त होने के कारण आईआरएफसी के 5 साल के बॉन्ड की कट-ऑफ यील्ड कम रही है।
एक बाजार भागीदार ने कहा, ‘आईआरएफसी का 5 साल का बॉन्ड 6.65 प्रतिशत की कूपन दर पर है, जो दूसरे सरकारी बॉन्डों से 65 से 70 आधार अंक अधिक है। इसलिए इसकी मांग खूब रही। 3,000 करोड़ रुपये के बॉन्डों को तीन गुना अधिक बोली मिलीं। आईआरएफसी की एएए रेटिंग और नवरत्न का दर्जा देखते हुए कूपन दर यानी ब्याज दर में यह अंतर उचित है।’
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रॉकफोर्ट फिनकैप एलएलपी के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर वेंकटकृष्णन श्रीनिवासन ने कहा, ‘मजबूत मांग, दर में कटौती की उम्मीद और नकदी की उपलब्धता बेहतर रहने के कारण आईआरएफसी के 5 साल के बॉन्ड पर ब्याज दर सरकारी बॉन्ड से सिर्फ 70 आधार अंक ज्यादा है। एएए रेटिंग वाले पीएसयू के लिए यह आम तौर पर 80 आधार अंक ज्यादा होती है। महंगाई घट रही है और रिजर्व बैंक द्वारा दरों में 25 आधार अंक कटौती के आसार हैं, जिससे बॉन्ड बाजारों को बढ़ावा मिला है। म्युचुअल फंड कंपनियां भी कम अवधि के बॉन्ड खरीद रही हैं। पांच साल के बॉन्ड यूं भी कम आते हैं क्योंकि ज्यादातर पीएसयू लंबी अवधि के लिए उधारी लेते हैं। इसकी वजह से भी ब्याज दर का अंतर कम रहा है। आईआरएफसी भारतीय रेल से जुड़ी है और स्वायत्त है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।’
चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से ही 10 साल और 5 साल के सरकारी बॉन्ड की यील्ड घटी है। 10 साल के सरकारी बॉन्ड की यील्ड 32 आधार अंक घटी है और 5 साल के बॉन्ड की यील्ड 50 आधार अंक कम हुई है। यह गिरावट रिजर्व बैंक द्वारा नकदी डाले जाने और ओपन मार्केट ऑपरेशन किए जाने के कारण आई है।
इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने फरवरी और अप्रैल में 25-25 आधार अंक की कटौती की और उम्मीद है कि जून, अगस्त और सितंबर में भी 25-25 आधार अंकों की कटौती होगी।