facebookmetapixel
भारत में AI क्रांति! Reliance-Meta ₹855 करोड़ के साथ बनाएंगे नई टेक कंपनीअमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी, आरबीआई ने भरी 30,750 करोड़ की कमी1 नवंबर से जीएसटी पंजीकरण होगा आसान, तीन दिन में मिलेगी मंजूरीICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादाJio Platforms का मूल्यांकन 148 अरब डॉलर तक, शेयर बाजार में होगी सूचीबद्धताIKEA India पुणे में फैलाएगी पंख, 38 लाख रुपये मासिक किराये पर स्टोरनॉर्टन ब्रांड में दिख रही अपार संभावनाएं: टीवीएस के नए MD सुदर्शन वेणु

नैट एंडरसन: हिंडनबर्ग को सुर्खियों में लाने वाला शख्स

हिंडनबर्ग रिसर्च ने बंद किया अपना सफर, अदाणी समेत कई दिग्गजों पर लगाए थे गंभीर आरोप

Last Updated- January 16, 2025 | 10:51 PM IST
Nathan Anderson

हिंडनबर्ग रिसर्च उसी तरह अचानक बंद हो गई है, जिस तरह अपनी शुरुआत के साथ ही वह अचानक सुर्खियों में छा गई थी। वर्ष 2017 में शुरू हुई यह शॉर्ट-सेलर फर्म गौतम अदाणी, जैक डोर्सी, कैल आइकन और भारत के बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधवी पुरी बुच जैसे दिग्गजों को निशाना बनाने वाली रिपोर्टों के जरिये सुर्खियों में आई थी। उसकी रिपोर्टों ने निवेशकों को हतप्रभ कर रख दिया था, साख को नुकसान पहुंचाया और राजनीतिक तूफान खड़ा किया। लेकिन गुरुवार को इसी फर्म के संस्थापक नैट एंडरसन ने ऐलान कर दिया कि वह इसे बंद कर रहे हैं।

अपने अंतिम भाषण में एंडरसन ने कहा कि जब उन्होंने हिंडनबर्ग की शुरुआत की थी, तब उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि उनके सामने क्या खतरा है, लेकिन वे अपने द्वारा चुने गए रास्ते की ओर ‘चुंबक की तरह’ खिंचे चले गए। वर्ष 2017 में हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना के बाद से एंडरसन ने करीब 40 शोध रिपोर्टों और लेखों के जरिये दर्जनों कंपनियों को निशाना बनाया।

हालांकि हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह की कंपनियों से संबंधित अपनी रिपोर्ट के जरिये 2023 में भारत में तूफान ला दिया था। लेकिन एंडरसन की नजर शुरू से ही भारतीय कॉरपोरेट जगत पर थी। हिंडनबर्ग रिसर्च की वेबसाइट के अनुसार शॉर्ट-सेलर द्वारा अपने पहले ही वर्ष में जारी की गईं शुरू की दो रिपोर्टें तब अमेरिका में सूचीबद्ध भारतीय फिल्म कंपनी इरोस इंटरनैशनल पर केंद्रित थीं।

एंडरसन और उनकी फर्म के लिए एक बेहद चर्चित घटनाक्रम निकोला कॉरपोरेशन पर उसकी 2020 की रिपोर्ट से जुड़ा था। इस इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी ने परिवहन उद्योग का कायाकल्प करने का वादा किया था। हिंडनबर्ग की जांच में अमेरिकी कंपनी निकोला पर अपनी तकनीकी क्षमताओं को बढ़ा-चढ़ाकर बताकर निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया गया। रिपोर्ट के कारण निकोला के शेयरों में भारी गिरावट आई और नियामकों ने जांच की,जबकि कंपनी के संस्थापक ट्रेवर मिल्टन को कानूनी परिणाम भुगतने पड़े थे।

एंडरसन अमेरिका के कनेक्टिकट प्रांत के हैं। कनेक्टिकट विश्वविद्यालय में उन्होंने इंटरनैशनल बिजनेस स्टडीज की पढ़ाई की। हिंडनबर्ग रिसर्च शुरू करने से पहले एंडरसन ने फाइनैंस और डेटा विश्लेषण के क्षेत्र में काम किया था। उन्होंने अपनी पहली नौकरी फाइनैंशियल डेटा कंपनी में फैक्ट-चेकर के तौर पर शुरू की थी।

वित्तीय धोखाधड़ी की जांच में विशेषज्ञता हासिल करने का एंडरसन का निर्णय हैरी मार्कोपोलोस से प्रेरित था जो वित्तीय धोखाधड़ी के जांचकर्ता थे। उन्होंने 2008 में अमेरिका में 64.8 अरब डॉलर के बर्नी मैडॉफ के निवेश घोटाले का पर्दाफाश करने में अहम योगदान दिया था। बुधवार को हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने की घोषणा करते हुए जारी नोट में एंडरसन ने अपनी सफलता का श्रेय व्हिसलब्लोअर वकील ब्रायन वुड को भी दिया।

First Published - January 16, 2025 | 10:51 PM IST

संबंधित पोस्ट