एमएसएमई ने मांगी रिजर्व बैंक व सरकार से ज्यादा सहायता

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 5:07 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहे छोटे कारोबारियों को नकदी मुहैया कराने के लिए कदमों की घोषणा की है। बैंक नियामक ने व्यक्तिगत और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए 30 सितंबर तक के लएि एकमुश्त पुनर्गठन खिड़की फिर से खोलने की अनुमति दे दी है। जिन एमएसएमई और व्यक्तिगत उधारी लेने वालों के कर्ज के पुनर्गठन में 2 साल से कम का मॉरेटोरियम दिया गया है, बैंकों को अनुमति दी गई है कि वे 2 साल तक मॉरेटोरियम दे सकते हैं। जिन एमएसएमई का पहले कर्ज पुनर्गठन हो चुका है, बैंकों को उनकी कार्यशील पूंजी की सीमा पुनर्आकलन के आधार पर करने की अनुमति दी गई है। जिन्होंने पहले घोषित पुनर्गठन का लाभ नहीं लिया था, और उनका कुल कर्ज 25 लाख रुपये तक है, उनके लिए समाधान ढांचा 2.0 पेश किया गया है।
उद्योग संगठन एसोचेम के सेक्रेटरी जनरल दीपक सूद के मुताबिक, ‘रिजर्व बैंक ने बिल्कुल सही तरीके से पहचान किया है कि छोटे कारोबारियों व वित्तीय इकाइयों को जमीनी स्तर पर किस तरह से मदद की जा सकती है, जिन पर महामारी का बोझ पड़ रहा है।’
उद्योग के एक वर्ग का कहना है कि महामारी बढ़ रही है, ऐसे में खराब कर्ज के वर्गीकरण पर फिर से विचार करने व सरकारी एजेंसियों को बकाये का भुगतान करने की सख्त जरूरत है। चैंबर आफ इंडियन माइक्रो, स्माल ऐंड मीडियम इंटरप्राइजेज के अध्यक्ष मुकेश गुप्ता ने कहा, ‘यह  बेहतर कदम है। लेकिन कोरोना के असर के कारण कारोबार पर असर को कागजों पर दिखाना कठिन होगा।’ उन्होंने कहा कि जिन कर्ज को गैर निष्पादित संपत्तियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है, उनके पुनर्गठन की अनुमति दी जानी चाहिए।

First Published : May 6, 2021 | 12:11 AM IST