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MSME Loans: एमएसएमई का जोर कारोबारी ऋण पर

दिल्ली-एनसीआर और मुंबई जैसे महानगरों से ऋण आवेदनों में सबसे अधिक हिस्सेदारी; जयपुर और सूरत ने भी दिखाई मजबूती

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आतिरा वारियर   
Last Updated- December 05, 2024 | 10:47 PM IST

देश में करीब 70 प्रतिशत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और खुद का कारोबार करने वाले ग्राहक तात्कालिक वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए ऋण लेना चाहते हैं। गुरुवार को पैसाबाजार ने एक शोध रिपोर्ट जारी की जिसमें यह बात सामने आई है। कंपनी के विश्लेषण के मुताबिक, ‘करीब 70 फीसदी एमएसएमई और अपना काम करने वाले ग्राहकों को कार्यशील पूंजीगत खर्चों, कच्चे माल की खरीद और ऋण की जरूरतों को पूरा करने के लिए कारोबारी ऋण (बिजनेस लोन) की जरूरत थी।’

हालांकि इन कारोबारों में से 30 फीसदी से भी कम ने भविष्य की वृद्धि संभावनाओं, मार्केटिंग एवं ब्रांड बनाने, मशीन आदि को अपग्रेड करने या दफ्तर का विस्तार करने के लिए अतिरिक्त जगह हासिल करने जैसी जरूरतों के लिए ऋण आवेदन दिया। कारोबारी ऋण की मांग बड़े पैमाने पर महानगरों में देखी गई जिनमें दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और मुंबई प्रमुख हैं।

ऋण आवेदनों में 53 फीसदी हिस्सेदारी दिल्ली एनसीआर, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलूरु, कोलकाता, चेन्नई और पुणे जैसे महानगरों की रही। बाकी 47 फीसदी ऋण आवेदन महानगर से इतर क्षेत्रों से आए जिनमें जयपुर और सूरत सबसे आगे रहे।

पैसाबाजार के मुताबिक कुल कारोबारी ऋण में से आधे से अधिक की मांग शीर्ष 7 महानगरों से की जाती है। हालांकि सालाना आधार पर महानगरों से इतर अन्य शहरों से ऋण मांग की हिस्सेदारी बढ़ रही है। विश्लेषण के मुताबिक लगभग 45 फीसदी कारोबारी ऋण आवेदन, कार्यशील पूंजी खर्च की जरूरतों को पूरा करने के मकसद से दिए जाते हैं जबकि 24 फीसदी कारोबारियों को कच्चे मांग की खरीद और इन्वेंट्री की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण की जरूरत होती है।

First Published : December 5, 2024 | 10:47 PM IST