टायर निर्माता कंपनी एमआरएफ (MRF) ने मंगलवार को दलाल स्ट्रीट पर 1 लाख रुपये के स्तर को पार कर लिया है। ऐसा करने वाला यह पहला स्टॉक बन गया। बीएसई पर MRF के शेयर 1.37% की तेजी के साथ 52 सप्ताह के उच्च स्तर 100,300 रुपये पर पहुंच गए।
इससे पहले मई में MRF केवल 66.50 रुपये कम रहने के कारण एक लाख का आंकड़ा नहीं छू पाये थे। लेकिन 8 मई को वायदा बाजार में मनोवैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण स्तर को MRF के शेयरों ने पार कर लिया था।
बता दें कि भारत में, एमआरएफ उच्चतम मूल्य टैग वाले शेयरों की लिस्ट में सबसे ऊपर है। हनीवेल ऑटोमेशन, जिसके शेयर आज 41,152 रुपये की कीमत पर बेचे जा रहे थे, यह सूची में दूसरे स्थान पर है। इसके बाद पेज इंडस्ट्रीज, श्री सीमेंट, 3एम इंडिया, एबट इंडिया, नेस्ले और बॉश का स्थान है।
एक लाख रुपये प्रति शेयर का भाव होने के बावजूद एमआरएफ देश का सबसे महंगा स्टॉक नहीं है, क्योंकि महंगे स्टॉक की गणना निवेशक मूल्य से आय (पीई) या प्राइस टू बुक वैल्यू जैसे मैट्रिक्स पर की जाती है।
पिछले 12 महीने के आधार पर एमआरएफ के शेयर आय के 55.2 गुना पीई पर कारोबार कर रहे थे।
कई मौकों पर, खुदरा निवेशक स्टॉक की कीमत को उसके मूल्यांकन के साथ भ्रमित करते हैं और वे MRF को सबसे महंगा स्टॉक कहते हैं।
डिविडेंड का किया ऐलान
3 मई को MRF ने शेयरहोल्डर्स के लिए प्रति इक्विटी शेयर 1690 फीसदी डिविडेंड का भी ऐलान किया था। MRF Ltd ने कहा था कि वह अपने इनवेस्टर्स को वित्त वर्ष 2023 में 169 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के हिसाब से फाइनल डिविडेंड देगी। कंपनी पहले ही दो अंतरिम डिविडेंड (3 रुपये प्रति इक्विटी शेयर) का भुगतान कर चुकी है। इस तरह वित्त वर्ष 2023 के लिए कंपनी 175 रुपये प्रति इक्विटी शेयर का डिविडेंड दे रही है। इसके बाद इसके शेयर में तेजी देखने को मिली थी। हालांकि, मई में 66.50 रुपये कम रहने के कारण एक लाख का आंकड़ा नहीं छू पाया था। लेकिन अब करीब एक महीने के बाद कंपनी का शेयर 1 लाख रुपए का हो गया है।