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बाहरी चेहरा बनेगा माइक्रोसॉफ्ट का एमडी!

Last Updated- December 07, 2022 | 4:40 AM IST

माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के प्रबंध निदेशक का पद छोड़ने के नीलम धवन के ऐलान के बाद ही कंपनी ने इस ओहदे के लिए नए चेहरे की तलाश शुरू कर दी है।


कंपनी इसके लिए कई नामों पर विचार कर रही है। ये नाम कंपनी अधिकारियों की फेहरिस्त से भी आए हैं और कई नाम बाहरी भी हैं। लेकिन माना जा रहा है कि अब इस कुर्सी पर बाहर का कोई चेहरा ही नजर आएगा।

सूत्रों के मुताबिक इस ओहदे के संभावित दावेदारों के साथ मुलाकातों का दौर चल रहा है। कंपनी के चेयरमैन रवि वेंकटेशन तेजी के साथ यह काम कर रहे हैं और अब तक तीन व्यक्तियों को छांट भी लिया गया है।

हालांकि इन नामों का खुलासा तो नहीं किया गया है, लेकिन वे आईबीएम, एचपी, एचसीएल टेक्नोलॉजिज और विप्रो टेक्नोलॉजिज जैसी कंपनियों के अधिकारी हो सकते हैं क्योंकि सूत्रों के मुताबिक इन कंपनियों का काम करने का तरीका माइक्रोसॉफ्ट की कार्यशैली के काफी करीब है।

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) से इतर किसी क्षेत्र के उम्मीदवार की दावेदारी की फिलहाल कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि इस पद पर बैठने वाले व्यक्ति को सबसे पहले भारत के हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और ई-प्रशासन क्षेत्रों का अध्ययन करना होगा। यह बात दीगर है कि वेंकटेशन खुद गैर आईटी कंपनी कमिंस इंडिया से आए हैं।

हालांकि माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता ने इस मसले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, लेकिन विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक कंपनी बाहर के किसी व्यक्ति को ही तरजीह देने की योजना बना रही है। अगले 15 दिन के भीतर कंपनी उस नाम का ऐलान कर देगी। हालांकि धवन के इस्तीफे के बाद डफ हॉएर को माइक्रोसॉफ्ट इंडिया का मुख्य परिचालन अधिकारी बना दिया गया है, लेकिन कंपनी ऐसे व्यक्ति को चुनना चाहती है, जिसे भारतीय बाजार की गहरी समझ हो। हॉएर वैसे भी अमेरिका लौट गए हैं।

इस समय धवन के मातहत 6 कारोबारी इकाइयों के प्रमुख काम कर रहे हैं। भारत ऐसे चुनिंदा 3 देशों में शामिल है, जहां माइक्रोसॉफ्ट के सभी कारोबारों की इकाइयां मौजूद हैं। देश में कंपनी के 5,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं। धवन ने अपने करियर की शुरुआत एचसीएल टेक्नोलॉजिज के साथ शुरू किया था और वहां सेल्स और मार्केटिंग विभाग में उन्होंने 14 साल बिताए।

वह 1995 में आईबीएम के सेल्स और मार्केटिंग विभाग की उपाध्यक्ष बन गईं और 4 साल वहां काम करने के बाद कॉम्पैक के साथ जुड़ गईं। कॉम्पैक और एचपी का विलय होने के बाद धवन एचपी के सेल्स विभाग की प्रमुख बन गईं। वहां से साढ़े तीन साल पहले वह माइक्रोसॉफ्ट आई थीं। माइक्रोसॉफ्ट के साथ लंबे अरसे तक काम करने के बाद उन्होंने इस्तीपफ दे दिया। जून तक ही उनका माइक्रोसॉफ्ट के साथ संग रहेगा। उसके बाद वह एचपी इंडिया में लौट जाएंगी, जहां उन्हे प्रबंध निदेशक की ही कुर्सी संभालनी है।

First Published - June 9, 2008 | 12:25 AM IST

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