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मारुति की स्क्रैपिंग इकाई शुरू

Last Updated- December 11, 2022 | 11:21 PM IST

मारुति सुजूकी और टोयोटा तोमात्सु ग्रुप के संयुक्त उद्यम मारुति सुजूकी टोयोत्सु इंडिया (एमएसटीआई) ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में सरकार से मान्यताप्राप्त अपना पहला ईएलवी (एंड-ऑफ-लाइफ-व्हीकल) स्क्रैपिंग एवं रीसाइक्लिंग इकाई खोली है। यह इकाई करीब 10,993 वर्ग मीटर क्षेत्र में विस्तृत है और इसकी स्क्रैपिंग एवं रीसाइक्लिंग क्षमता सालाना 24,000 से अधिक ईएलवी की है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज इस संयंत्र का उद्घाटन किया। कंपनी ने कहा कि यह ईएलवी के संगठित, पारदर्शी और पर्यावरण के अनुकूल निपटान को बढ़ावा देने के साथ चक्रीय अर्थव्यवस्था की ओर उठाया गया एक कदम है।
एमएसटीआई ने इस संयंत्र पर 44 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। कंपनी ने इस संयंत्र को अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी एवं उन्नत मशीलों से लैस किया है ताकि ईएलवी की स्क्रैपिंग वैज्ञानिक तरीके से की जा सके। इस संयंत्र में इस्तेमाल होने वाले सभी उपकरणों का उत्पादन भारत में ही किया गया है। यह इकाई गुणवत्ता एवं पर्यावरण मानकों पर वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त मानदंडों का पालन करती है। इनमें ईएलवी से तरल एवं गैस के शून्य रिसाव के साथ पूर्ण ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन शामिल है। इस संयुक्त उद्यम में मारुति की 50 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि टोयोटा तोमात्सु कॉरपोरेशन और उसकी भारतीय इकाई में से प्रत्येक के पास 25 फीसदी हिस्सेदारी है।
यह तीसरी अधिकृत स्क्रैपिंग इकाई है। फिलहाल मौजूद दो स्क्रैपिंग इकाइयों- एक नोएडा में और एक चेन्नई में- की स्थापना सरकारी कंपनी एमएसटीसी और महिंद्रा के बीच संयुक्त उद्यम के जरिये की गई है। इन दोनों इकाइया वाहन स्कै्रपिंग के लिए अधिकृत हैं। देश में बड़े पैमाने पर वाहन उद्योग होने के बावजूद स्क्रैपिंग का काम छोटी-मोटी अनौपचारिक इकाइयों के जरिये निपटाया जाता है जिससे उसके पर्यावरण पर प्रभाव को लेकर सवाल उठते हैं।
इस साल अगस्त में टाटा मोटर्स ने अहमदाबाद में एक पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग इकाई (आरवीएसएफ) स्थापित करने में मदद के लिए गुजरात सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस स्क्रैपिंग केंद्र की क्षमता सालाना 36,000 वाहनों के रीसाइक्लिंग की होगी।
गडकरी ने कहा कि सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपिंग नीति का उद्देश्य भारतीय सड़कों से अनुपयुक्त एवं प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए एक परिवेश तैयार करना है। इसे पूरा करने के लिएदेश को अत्याधुनिक स्क्रैपिंग एवं रीसाइक्लिंग इकाइयों की आवश्यकता है।
एमएसटीआई के चेयरमैन और मारुति सुजूकी के एमडी एवं सीईओ केनिचि आयुकावा ने कहा कि अब तक देश में वाहनों को वैज्ञानिक तरीके से निपटाने के लिए कोई सुविधा नहीं थी। उन्होंने कहा कि एमएसटीाआई देश में ऐसी कई अन्य इकाइयां स्थापित करेगी।

First Published - November 23, 2021 | 11:30 PM IST

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