लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता डेलिवरी (Delhivery) ने वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में मिश्रित वित्तीय परिणाम (Financial Result) दर्ज किया। जहां उसका परिचालन लाभ कुछ हद तक सुधरा, वहीं शुद्ध नुकसान एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले बढ़ गया।
संपूर्ण राजस्व अनुमानों के अनुरूप रहा, लेकिन एक साल पहले की तुलना में इसमें 10 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई। राजस्व पर बिजनेस-टु-बिजनेस राजस्व में आई भारी गिरावट से दबाव पड़ा।
तिमाही के आधार पर राजस्व एक्सप्रेस पार्सल डिलीवरी (ईपीडी) सेगमेंट और पार्ट ट्रक लोड (पीटीएल) व्यवसाय में तेज वृद्धि की मदद से 2 प्रतिशत तक बढ़ा है।
जहां ईपीडी में बिक्री 6 प्रतिशत तक बढ़कर 18 करोड़ पर पहुंच गई, वहीं प्रति खेप प्राप्तियां 5.2 रुपये तक घट गईं। हालांकि पीटीएल व्यवसाय ने त्रैमासिक आधार पर मजबूत वृद्धि दर्ज की। इस सेगमेंट का राजस्व 19 प्रतिशत तक बढ़ गया।
हालांकि चौथी तिमाही को अपेक्षाकृत मजबूत तिमाही माना जाता है, लेकिन अप्रैल और मई के शुरुआती समय में पीटीएल की बिक्री में ज्यादा सुधार देखा गया।
इन्वेस्टेक सिक्योरिटीज का मानना है कि पीटीएल में रिकवरी से मिड-माइल नेटवर्क का इस्तेमाल बेहतर तरीके से करने में मदद मिलेगी, जिससे ईपीडी और पीटीएल दोनों व्यवसायों की लागत घटेगी। लागत ढांचं में सुधार आया, क्योंकि मालभाड़ा, प्रबंधन तथा सेवा संबंधित लागत दिसंबर तिमाही के 77.4 प्रतिशत से घटकर चौथी तिमाही में 73.8 प्रतिशत रह गई।
जेएम फाइनैंशियल के विश्लेषक सचिन दीक्षित का मानना है कि कंपनी का प्रदर्शन पीटीएल (बिक्री और सेवा गुणवत्ता, दोनों) में सुधार पर आधारित रहा।
स्पॉटन (अगस्त 2021 में अधिग्रहीत) के समेकन और धीमी बिक्री वृद्धि की वजह से करीब तीन तिमाहियों तक नुकसान झेलने के बाद कंपनी ने 0.3 प्रतिशत का परिचालन मुनाफा मार्जिन दर्ज किया। प्रबंधन का कहना है कि ईपीडी और पीटीएल में सकल मार्जिन बढ़ने से मुनाफे में सुधार आया है।
सभी व्यावसायिक सेगमेंटों में राजस्व गुणवत्ता और मार्जिन वृद्धि के अलावा, लागत अनुकूलन उपायों और ऊंचे क्षमता इस्तेमाल से भी कंपनी को परिचालन स्तर पर मार्जिन सुधारने में मदद मिली।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अभिषेक बनर्जी और अमित दीक्षित ने परिचालन मुनाफा प्रदर्शन पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘जहां मुनाफे की मात्रा मूल्यांकन के नजरिये सं पर्याप्त नहीं है, लेकिन पिछली दो-तीन तिमाहियों के दौरान तेज सुधार एक सकारात्मक बदलाव है। इससे निवेशकों को आकर्षित करने और शेयर की रेटिंग सुधारने में मदद मिल सकती है।’