मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज (Manipal Health Enterprises) द्वारा संचालित मणिपाल हॉस्पिटल्स (Manipal Health ) भारत की सबसे बड़ी अस्पताल श्रृंखला बनने की ओर कदम बढ़ा रही है। मणिपाल हेल्थ पूर्वी भारत में केंद्रित अस्पताल श्रृंखला मेडिका सिनर्जी (Medica Synergie Private Ltd ) में टेमासेक की पूरी 87 फीसदी हिस्सेदारी करीब 1,400 करोड़ रुपये में खरीदने जा रही है। एक सूत्र ने बताया कि इस बारे में औपचारिक ऐलान इसी महीने हो सकता है।
इस सौदे के बाद करीब 10,700 बिस्तरों के साथ मणिपाल हॉस्पिटल्स भारत की सबसे बड़ी अस्पताल श्रृंखला बन जाएगी। फिलहाल करीब 10,103 बिस्तरों के साथ अपोलो हॉस्पिटल्स (Apollo Hospitals Enterprise Ltd ) भारत की सबसे बड़ी अस्पताल श्रृंखला है। सिंगापुर के पीई फंड टेमासक की बेंगलूरु मुख्यालय वाली मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज में भी हिस्सेदारी है।
मणिपाल हॉस्पिटल्स के पास फिलहाल देश में मौजूद 33 अस्पतालों के जरिये 9,500 बिस्तर हैं। दूसरी तरफ पूर्वी भारत में मौजूदगी वाली मेडिका के पास 1,200 बिस्तर हैं। दोनों अस्पताल विस्तार के चरण में हैं। मणिपाल हॉस्पिटल्स अगले 18 से 36 महीनों में अतिरिक्त 1,200 बिस्तर जोड़ने की तैयारी कर रही है वहीं मेडिका भी अगले दो-तीन साल में अपनी बिस्तर क्षमता में 450 से 500 का इजाफा कर सकती है।
इस मामले में जुड़े एक सूत्र ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि मणिपाल हॉस्पिटल्स जल्द ही PE Temasek की Medica में पूरी 87 फीसदी हिस्सेदारी खरीद लेगी। सूत्र ने बताया, ‘यह सौदा करीब 1,400 करोड़ रुपये का है। इस बारे में ऐलान जल्द ही हो सकता है।’
उन्होंने कहा, ‘दोनों अस्पताल श्रृंखलाओं में टेमासेक का निवेश है। इसकी मणिपाल हॉस्पिटल्स में करीब 52 फीसदी और मेडिका में करीब 87 फीसदी हिस्सेदारी है।’ सूत्र ने कहा कि इन दोनों कंपनियों का विलय भी एक विकल्प था लेकिन इससे टेमासेक की मणिपाल हेल्थेकेयर में हिस्सेदारी काफी बढ़ जाती जिसमें कि टीपीजी और रंजन पई परिवार जैसे अन्य निवेशक भी हैं।
उन्होंने कहा, ‘इसलिए यह तय किया गया कि मेडिका में टेमासेक की हिस्सेदारी को मणिपाल खरीदेगी। मणिपाल के लिए यह किसी दूसरे अधिग्रहण की तरह ही होगा जिससे नेटवर्क में बिस्तरों की संख्या बढ़ जाएगी।’ उम्मीद है कि आगे चलकर मणिपाल हेल्थ आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाएगी ताकि मौजूदा निवेशकों को बाहर निकलने का मौका मिल सके।
उद्योग सूत्रों के मुताबिक मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज ने समेकित रूप से वित्त वर्ष 2024 के दौरान करीब 6,500 करोड़ रुपये की आय हासिल की है और इसका एबिटा 1,600 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी को अपने नेटवर्क पर प्रति बिस्तर 2 करोड़ रुपये का औसत राजस्व हासिल हुआ है।
टेमासेक के एक प्रवक्ता ने इस बारे में कहा, ‘टेमासेक की यह नीति है कि हम बाजार की अटकलों पर कोई टिप्पणी नहीं करते हैं।’ मणिपाल हॉस्पिटल्स और मेडिका ने भी इस बारे में किसी तरह की टिप्पणी से इनकार कर दिया। मेडिका और मणिपाल दोनों की पूर्वी भारत में मजबूत उपस्थिति है। मेडिका कोलकाता, सिलिगुड़ी और रांची में मौजूद है तथा वह आसनसोल में कैंसर अस्पताल बना रही है।
कोलकाता में मेडिका करीब 600 बिस्तरों वाले अस्पताल का संचालन करती है, सिलिगुड़ी के अस्पताल में क्षमता बढ़ा रही है जिसे 300 बिस्तर के आधुनिक अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है और वह रांची के अस्पताल में भी क्षमता बढ़ा रही है।
इसके पहले पिछले साल अप्रैल में टेमासेक ने मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई थी और प्रवर्तकों तथा टीपीजी, नैशनल इनवेस्टमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड जैसे अन्य निवेशकों से करीब 40,000 करोड़ रुपये के उद्यम मूल्यांकन पर 41 फीसदी की अतिरिक्त हिस्सेदारी ली थी।
इस तरह पिछले साल मणिपाल में टेमासेक की हिस्सेदारी 18 फीसदी से बढ़कर 59 फीसदी हो गई। इसके बाद मुबाडला इन्वेस्टमेंट कंपनी के साथ तीन अन्य सॉवरिन फंड ने निवेश किया जिसके बाद टेमासेक की हिस्सेदारी 52 फीसदी रह गई।
पिछले साल सितंबर में बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज के एमडी और सीईओ दिलीप जोस ने कहा था कि कोलकाता में अब कंपनी के पास 1,300 बिस्तर क्षमता (AMRI सौदे के बाद) हो गई है और वह पश्चिम बंगाल के दूसरी श्रेणी के शहरों और छोटे शहरों तक विस्तार करना चाहते हैं।
मणिपाल फिलहाल बेंगलूरु में तीन नए अस्पताल बना रही है जिसके बाद उसकी कुल बिस्तरों की क्षमता 750 हो जाएगी और रायपुर में भी 350 बिस्तर जोड़ रही है। पिछले साल सितंबर में इमामी समूह से एएमआरआई अस्पताल करीब 2,300 करोड़ रुपये में खरीदने के बाद मणिपाल हॉस्पिटल्स में 1,200 अतिरिक्त बिस्तर जुड़ गए थे।
दिसंबर महीने में मेडिका के सह-संस्थापक (co founder) और संयुक्त प्रबंध निदेशक अयनाभ दासगुप्ता ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया था कि अपनी विस्तार योजना के तहत वे कैंसर देखभाल पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं- इसके लिए आसनसोल-गुवाहाटी और वाराणसी में अस्पताल बनाए जा रहे हैं।
पिछले साल मेडिका के सह-संस्थापक और चेयरमैन आलोक राय इस अस्पताल समूह से बाहर हो गए हैं। मई के आसपास अस्पताल समूह ने नंदकुमार जयराम को नया चेयरमैन बनाया है।
टेमासेक के स्वास्थ्य मंच शेयरेस हेल्थकेयर ने रॉय और कई संबंधित इकाइयों को बाहर निकलने का रास्ता देते हुए मेडिका में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 90 फीसदी कर ली। इसके पहले दिसंबर 2021 में उसने क्वाड्रिया कैपिटल (Quadria Capital) से उसकी हिस्सेदारी खरीद ली थी जिसकी वजह से उसके पास बहुलांश हिस्सेदारी यानी majority stake (करीब 75 फीसदी) हो गई थी।