इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली नामी अमेरिकी कंपनी टेस्ला की भारत में निवेश की योजनाएं ठंडे बस्ते में जाने की बात की जा रही है। लेकिन इसी बीच मामले से जुड़े सूत्रों ने संकेत दिया है कि उसके संभावित कारखाने के लिए तीन राज्य- महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात सबसे आगे हैं। उद्योग सूत्रों ने कहा कि इस बारे में फैसला इस बात पर निर्भर करेगा कि कंपनी यहां कौन से उत्पाद बनाएगी और बेचेगी। टेस्ला स्थानीय साझेदारों को जोड़ने के लिए भी बातचीत कर रही है।
अगर कंपनी भारतीय बाजार के लिए कम कीमत के मॉडल उतारना चाहती है तो वह महाराष्ट्र में कारखाना लगा सकती है। मगर उसकी पहली प्राथमिकता निर्यात हुई तो कारखाना तमिलनाडु की झोली में जा सकता है। गुजरात भी कंपनी के लिए विकल्प होगा बशर्ते ढुलाई आदि में होने वाले खर्च की भरपाई के लिए उसे सरकार से पर्याप्त सब्सिडी मिले।
मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि टेस्ला ने पुणे में अपने संभावित कारखाने के लिए स्थानीय साझेदार तलाशने के मकसद से कई दौर की बातचीत की है। तमिलनाडु में कारखाना लगाने का फायदा यह होगा कि वहां कार कंपनियों के लिए तैयार ढांचा है और बंदरगाह भी नजदीक है। अगर कंपनी 18 से 25 लाख रुपये के मॉडल के साथ भारतीय बाजार में उतरना चाहती है तो पुणे से मुंबई और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) जैसे दो अहम बाजारों तक पहुंचना उसके लिए आसान होगा।
यही कारण है कि भारत में कारखाना लगाने के लिए महाराष्ट्र और तमिलनाडु टेस्ला की पहली पसंद हो सकते हैं। अगर राज्य सरकार उचित सब्सिडी दे तो गुजरात भी उसके लिए विकल्प हो सकता है। सूत्रों ने संकेत दिया कि इन तीनों राज्यों की टेस्ला के अधिकारियों के साथ कई दौर की बातचीत पहले ही हो चुकी है। टेस्ला इंडिया मोटर्स ऐंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड ने पिछले साल पुणे के पंचशील बिजनेस पार्क में ऑफिस स्पेस पट्टे पर लिया था।
कंपनी ने कम कीमत वाले मॉडल एवं अन्य योजनाओं के बारे में पूछे गए सवालों का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं दिया।
ऐसी खबरें भी आ रही थीं कि अप्रैल के अंत में अरबपति कारोबारी ईलॉन मस्क की भारत यात्रा रद्द होने के बाद से उनकी टीम के अधिकारियों ने सरकार के किसी अधिकारी से बातचीत नहीं की है। कंपनी को पूंजी की दिक्कत से जूझना पड़ रहा है और उसी वजह से उसकी भारतीय योजना की रफ्तार सुस्त पड़ गई है।
यह खबर तब आई है, जब चीन में तगड़ी होड़ होने और सस्ते मॉडल नहीं होने के कारण जून में लगातार
दूसरी तिमाही के दौरान टेस्ला की बिक्री घटी है। उसके नए मॉडल साइबरट्रक को भी बाजार में अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है।
टेस्ला की वैश्विक प्रतिस्पर्धी विनफास्ट ने हाल में तमिलनाडु को अपना केंद्र चुना है क्योंकि अन्य राज्यों के मुकाबले वहां से आयात-निर्यात में सहूलियत होगी। टेस्ला और विनफास्ट जैसी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए केंद्र सरकार ने आयातित इलेक्ट्रिक वाहनों पर शुल्क दरें कम कर दी हैं।