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L&T प्रमुख सुब्रह्मण्यन बोले: GST में सुधार एक सही कदम, अब निजी निवेश तेजी से कर रहा है वापसी

L&T प्रमुख एसएन सुब्रह्मण्यन ने जीएसटी सुधारों को सकारात्मक बताया और कहा कि निजी निवेश तेजी से लौट रहा है, जिससे कंपनी को बड़े पैमाने पर ऑर्डर मिल रहे हैं।

Published by
देव चटर्जी   
विशाल छाबड़िया   
Last Updated- August 24, 2025 | 10:20 PM IST

लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एसएन सुब्रह्मण्यन का कहना है कि जहां भारत सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को तर्कसंगत बनाने सहित बड़े सुधारों के वादे कर रही है, वहीं भारतीय कॉरपोरेट जगत बड़े पैमाने पर निवेश की तैयारी कर रहा है। देव चटर्जी और विशाल छाबड़िया को दिए एक साक्षात्कार में एसएनएस के नाम से लोकप्रिय सुब्रमण्यन ने कहा कि देश में कारोबारी माहौल सकारात्मक हो गया है और अप्रत्याशित घटनाओं को छोड़ दें तो भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बढ़ोतरी के लिए तैयार है। बातचीत के मुख्य अंश: 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीएसटी सुधारों पर किए गए वादे पर आपकी क्या राय है?

रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, कंपनी अधिनियम संशोधन और आईबीसी के साथ जीएसटी भारत में सबसे महत्त्वपूर्ण सुधारों में से एक रहा है। ये भारतीय व्यवसायों के लिए वास्तव में परिवर्तनकारी रहे हैं। जीएसटी से पहले हर राज्य का अपना बिक्री कर और वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट टैक्स था जिसमें कई स्लैब थे। इसे कोट करना भ्रमित करने वाला था और अक्सर विवादों और यहां तक कि नुकसान का कारण बनता था। जीएसटी से ‘एक राष्ट्र, एक कर’ की अवधारणा आई, जिससे अनुपालन सरल हो गया और व्याख्या करना बहुत आसान हो गया। अब विवाद बहुत कम होते हैं। तथापि पांच या छह वर्षों के बाद सिस्टम की समीक्षा करना और फीडबैक के आधार पर तर्कसंगत बनाना स्वाभाविक है। जीएसटी पर फिर से विचार करने का सरकार का निर्णय काफी सकारात्मक है।  

क्या आप भारत में निजी क्षेत्र में पूंजीगत खर्च में तेजी देख रहे हैं? क्या आपको निजी क्षेत्र से पर्याप्त ऑर्डर मिल रहे हैं?

एलऐंडटी के तीन मुख्य व्यवसाय हैं: परियोजना, विनिर्माण और सेवा। परियोजनाओं में निर्माण, हाइड्रोकार्बन और ऊर्जा शामिल हैं, विनिर्माण में भारी और सटीक इंजीनियरिंग शामिल है और सेवाओं में एलऐंडटी माइंडट्री, एलटीटीएस, एलऐंडटी फाइनैंस और एलऐंडटी रियल्टी शामिल हैं।

कोविड के दौरान, निजी पूंजीगत व्यय लगभग शून्य था और हमारे ऑर्डर मुख्य रूप से सरकारी और बहुपक्षीय परियोजनाओं से आ रहे थे। आज, निजी निवेश तेजी से वापसी कर रहा है। हमें इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली, इस्पात, ऑटोमोबाइल, पेंट और रसायनों में मांग दिखाई दे रही है। ह्युंडै, टोयोटा, मारुति और हीरो मोटोकॉर्प जैसी निर्माता कंपनियां विस्तार कर रही हैं। लगभग सभी इस्पात निर्माता क्षमता विस्तार कर रहे हैं। 

एलऐंडटी के पास इस साल जून तक करीब 6 लाख करोड़ रुपये के पुराने ऑर्डर थे। आप इसे कैसे पूरा करने की योजना बना रहे हैं?

हमारा मौजूदा बैकलॉग यानी पिछले ऑर्डर लगभग 2.5-3 साल की बिक्री के बराबर है। ये भरोसेमंद ग्राहकों से उचित शर्तों पर किए गए अच्छी गुणवत्ता वाले ऑर्डर हैं। क्रियान्वयन के लिए बड़े पैमाने पर पूंजी की आवश्यकता होगी, लेकिन इस तरह के लंबित कार्यों से हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है।

जून तिमाही में कंपनी को करीब 1 लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले। क्या 1 लाख करोड़ रुपये प्रति तिमाही के ऑर्डर अब ‘न्यू नॉर्मल’ यानी सामान्य माने जाएंगे? आने वाली तिमाहियों में इसमें क्या सुधार दिख रहा है?

हमने इसके लिए लक्ष्य तय नहीं किया है। हमारे पास बजट है। हम उसे हासिल करने का इरादा रखते हैं। जिंदगी का मकसद रिकॉर्ड बनाते रहना है। तो, उम्मीद करते हैं कि ऐसा होता रहे। 

First Published : August 24, 2025 | 10:20 PM IST