वोडा-आइडिया के लिए जोखिम कम

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 12:09 AM IST

प्रमुख दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआई) के ऋणदाताओं ने कहा है कि कंपनी के वित्तीय प्रोफाइल के और बिगडऩे का जोखिम अब कम हैं। इसका श्रेय हाल ही में दूरसंचार क्षेत्र को दिए गए राहत पैकेज को जाता है और इससे कम से कम फिलहाल तो ब्याज दरों में वृद्धि करने की जरूरत खत्म करने में मदद मिलेगी।
ऋणदाताओं ने कहा कि धन के प्रवाह के साथ-साथ उन्हें इस बात की उम्मीद है कि प्रवर्तक शुल्क संशोधन के संबंध में काम करेंगे।
बैंक के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने कंपनी के वित्तीय प्रोफाइल पर प्रारूप की एक कवायद शुरू की है, जिससे सरकार के उस पैकेज से उभरने की संभावना है, जो एनसीडी के भुगतान के लिए मौजूदा नकदी प्रवाह के एक हिस्से का इस्तेमाल करने के लिए संभवत: कुछ गुंजाइश बना सकता है।
सितंबर 2021 में सरकार ने दूरसंचार कंपनियों के लिए एक पैकेज को मंजूरी दी थी जिसमें उन्हें समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के बकाया भुगतान पर शुल्क स्थगन के साथ-साथ अगले चार वर्षों के लिए संभावित रूप से स्पेक्ट्रम भुगतान में राहत दी गई थी। इस राहत पैकेज के तहत कंपनी को मार्च 2022 में एजीआर भुगतान की पहली किस्त देनी है, जबकि स्पेक्ट्रम भुगतान अप्रैल 2022 से दोबारा शुरू होना है।
मुंबई के एक सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े बैंक के अधिकारी ने कहा कि सब कुछ तैयार होने और आने वाले दिनों में पूंजी जुटाने की संभावना से चीजें नियंत्रण में होने की उम्मीद है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 22 की पहली तिमाही में 7,319.10 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया था। रेटिंग एजेंसी ब्रिकवर्क रेटिंग्स के अनुसार लगातार घाटे की वजह से कंपनी की नेटवर्थ खत्म हो गई है और यह नकारात्मक बन गई है। जून 2021 के अंत में इसका शुद्ध ऋण 1.9 लाख करोड़ रुपये था।
पिछली कुछ तिमाहियों में सुधार दिखाने वाला एबिटा कंपनी की वित्तीय लागत से कम बना हुआ है। वी पर 7,000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दायित्व है, जो वित्त वर्ष 22 की तीसरी और चौथी तिमाही में परिपक्व हो रहा है। अगस्त 2021 में एजेंसी ने इसके डिबेंचर का दर्जा बीबी- से घटाकर बी कर दिया था।
कंपनी के प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) में पिछली दो तिमाहियों के दौरान काफी गिरावट आ चुकी है। वित्त वर्ष 21 की दूसरी तिमाही में यह 120 रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 21 की चौथी तिमाही में घटकर 107 रुपये और वित्त वर्ष 22 की पहली तिमाही में 104 रुपये रह गया। एआरपीयू में इस गिरावट ने एबिटा स्तर पर कंपनी के राजस्व और लाभप्रदता को भी प्रभावित किया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक अधिकारी ने कहा कि कंपनी पर 40,000 करोड़ रुपये के बकाये में से आधे से भी अधिक नॉन-फंड आधारित दायरे (स्पेक्ट्रम आदि के लिए दी गई गारंटी) वाला है, जो एक ऐसी जरूरत थी, जिसे अब कम किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि अगर गारंटी वापस कर दी जाती है, तो इसका कुछ हिस्सा कंपनी की विस्तार योजना के लिए फंड-आधारित दायरे में तब्दील हो जाएगा।

First Published : October 18, 2021 | 11:09 PM IST