भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की सार्वजनिक सूचीबद्धता के पहले वित्त मंत्रालय व बीमाकर्ता ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के पॉलिसीधारकों को वितरण योग्य अधिशेष को धीरे-धीरे कम करने की मंजूरी दी है। अगले साल से एलआईसी अपने पॉलिसीधारकों को अपने अधिशेष का 92.5 प्रतिशत देगी, जो अभी 95 प्रतिशत है। उसके बाद इसे उद्योग के मानक के मुताबिक करते हुए 90 प्रतिशत पर लाया जाएगा।
वहीं सरकार सहित शेयरधारकों का हिस्सा मौजूदा 5 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हो जाएगा।
एक अधिकारी ने कहा, ‘2022-23 से अगले दो साल तक बीमाकर्ता के अधिशेष का 92.5 प्रतिशत पॉलिसीधारकों को ट्रांसफर किया जाएगा और शेष 7.5 प्रतिशत शेयरधारकों को दिया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि 2 साल बाद पॉलिसीधारकों को अधिशेष हस्तांतरण घटाकर 90 प्रतिशत किया जाएगा। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई), निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के साथ परामर्श के बाद बदलाव का फैसला किया गया। उपरोक्त उल्लिखित अधिकारी ने कहा कि एलआईसी के बोर्ड ने बदलाव को मंजूरी दे दी है। बीमाकर्ता के अधिशेष का प्रबंधन एलआईसी अधिनियम की धारा 28 के तहत किया जाता है, जिसमें कहा गया है कि जीवन बीमा कारोबार का 90 प्रतिशत या ज्यादा अधिशेष जैसा केंद्र द्वारा मंजूर किया गया हो, पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रखा जाएगा। एलआईसी अधिनिम में बीमाकर्ता को यह सुविधा दी गई है कि वह भविष्य में इसे घटाकर 90:10 कर सकता है।
आईआरडीएआई ने बीमाकर्ताओं द्वारा अधिशेष वितरण 90:10 अनिवार्य किया है, जिसमें से 90 प्रतिशत पॉलिसीधारकों और शेष शेयरधारकों के पास जाता है।
अधिशेष वितरण में कमी करने का यह फैसला शेयधारकों व पॉलिसीधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इसमें धीरे धीरे किया जाने वाला बदलाव अधिशेष वितरण के नियामक की अनिवार्यता के नियम की ओर ले जाएगा। सरकार ने इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में एलआईसी की सूचीबद्धता की योजना बनाई है, जिसे देश की सबसे बड़ी सूचीबद्धता होने का अनुमान लगाया जा रहा है। आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का एक हिस्सा कर्मचारियों व एलआईसी के पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रखा जाएगा। सरकार ने एलआईसी आईपीओ का 10 प्रतिशत आवंटन पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित किया है। बीमाकर्ता ने पॉलिसीधारकों के लिए प्रचार अभियान भी चलाया है कि वे व्यक्तिगत ब्योरा अद्यतन करें और सूचीबद्धता में हिस्सा लेने के लिए डीमेट खाता खोल लें। बीमाकर्ता ने पॉलिसीधारकों के लिए डेटाबेस भी तैयार किया है कि 10 प्रतिशत आरक्षित आईपीओ के आवंटन के लिए कौन पात्र होगा।