एलआईसी का लाभांश भुगतान आईपीओ के बाद संभव

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 9:05 PM IST

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने पिछले तीन साल से कोई लाभांश भुगतान नहीं किया है। जानकारों का कहना है कि इससे बीमा कंपनी को अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से पहले शुद्ध हैसियत बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसलिए एलआईसी अपने आईपीओ के बाद लाभांश भुगतान को सुचारु कर सकती है।
चालू वित्त वर्ष के अलावा वित्त वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 2021 के लिए एलआईसी ने कोई लाभांश भुगतान नहीं किया है। जब जीवन बीमा कंपनी ने वित्त वर्ष 2020 में 2,710 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021 में 2,974 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। वित्त वर्ष 2014 से वित्त वर्ष 2019 के दौरान लगातार छह वर्षों तक एलआईसी का लाभांश भुगतान अनुपात 98 से 99 फीसदी रहा था। वित्त वर्ष 2019 में एलआईसी ने भारत सरकार को 2,663 करोड़ रुपये का लाभांश भुगतान किया था।
विशेषज्ञों के अनुसार, अधिक लाभांश का भुगतान उन वर्षों के दौरान किया गया जब सरकार की राजकोषीय स्थिति अच्छी नहीं थी।
बीमा नियामक प्राधिकरण आईआरडीएआई ने अप्रैल 2020 में वैश्विक महामारी के प्रकोप के बाद पूंजी संरक्षण के लिए सभी बीमाकर्ताओं को आम सलाह जारी की थी। उसमें वित्त वर्ष 2020 के मुनाफे से लाभांश का भुगतान करने से परहेज करने का आग्रह किया गया था।
आरआरडीएआई की सलाह को ध्यान में रखते हुए एलआईसी, एसबीआई लाइफ और एचडीएफसी लाइफ जैसी बीमा कंपनियों ने उस साल लाभांश का भुगतान नहीं किया था। हालांकि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, मैक्स लाइफ और बजाज आलियांज लाइफ जैसी बीमा कंपनियों ने क्रमश: 38.1 फीसदी, 143.7 फीसदी और 28.3 फीसदी लाभांश का भुगतान किया।
आईआरडीएआई ने बीमाकर्ताओं की नकदी प्रवाह की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 25 फरवरी, 2021 से पूंजी संरक्षण संबंधी अपने आग्रह को वापस ले लिया था। हालांकि बीमा नियामक ने बीमाकर्ताओं से आग्रह किया है कि वित्त वर्ष 2021 के लिए लाभांश की घोषणा करते समय पूंजी, नकदी प्रवाह आदि को ध्यान में रखें।
एलआईसी के मसौदा पत्र में कहा गया है, ‘हमारे निगम ने बोनस इक्विटी शेयर जारी करने के लिए 2020 और 2021 में अधिशेष के अपने हिस्से को बरकरार रखा है।’
विश्लेषकों का मानना है कि करीब तीन साल तक लाभांश का भुगतान न होने से एलआईसी को उसके आईपीओ से पहले अपने बहीखाते को मजबूत करने और शुद्ध हैसियत बढ़ाने में मदद
मिली है। इस बाबत जानकारी के लिए एलआईसी को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया।

First Published : February 23, 2022 | 11:14 PM IST