BS
भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी स्वास्थ्य जांच कंपनी डॉ. लाल पैथलैब्स अगले पांच साल में पश्चिमी भारत के बाजारों में अपना दबदबा बढ़ाना चाहती है। कंपनी अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाई सबअर्बन डायग्नोस्टिक्स की मदद से अपनी पैठ बढ़ाने पर जोर देगी।
सबअर्बन डायग्नोस्टिक्स का करीब 70-80 प्रतिशत राजस्व मुंबई के बाजार से आता है और इस कंपनी ने इस शहर अब अब अपनी 13,000 वर्ग फुट के आकार वाली रेफरेंस लैबोरेटरी खोली है। कंपनी ने दावा किया है कि यह किसी निजी स्वास्थ्य जांच प्रदाता द्वारा पहली बायोसेफ्टी लेवल-3 (बीएसएल-3) प्रयोगशाला है। बीएसएल-3 लैब में 2,800 तरह के टेस्ट किए जाते हैं।
डॉ. लाल पैथलैब्स के प्रबंध निदेशक ओम मनचंदा ने कहा कि पश्चिमी क्षेत्र का योगदान जहां वित्त वर्ष 2015 में 6 प्रतिशत था, वहीं वित्त वर्ष 2020 में यह बढ़कर 8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में 15 प्रतिशत पर पहुंच गया। डॉ. लाल पैथलैब्स ने 2021 में सबअर्बन डायग्नोस्टिक्स का अधिग्रहण किया और पश्चिम भारतीय बाजार में दोहरे-ब्रांड की रणनीति के साथ आगे बढ़ने पर जोर दिया।
यह भी पढ़ें: बजट में कृत्रिम हीरे के कच्चे माल पर आयात शुल्क हटाने की मांग
मौजूदा समय में लाल पैथलैब्स की 36 प्रयोगशालाएं हैं, जबकि सबअर्बन के लिए यह आंकड़ा 38 है। महाराष्ट्र में, लाल पैथलैब्स की 17 और सबअर्बन की 33 प्रयोगशालाएं हैं। वहीं मुंबई के बाजार में लाल पैथलैब्स की 5 जबकि सबअर्बन की 23 प्रयोगशालाएं हैं।
मनचंदा ने कहा कि लाल पैथलैब्स की नजर अगले पांच साल में पश्चिमी भारत के बाजार में पैठ बढ़ाने पर है। मुंबई बाजार में भागीदारी के संदर्भ में सबअर्बन डायग्नोस्टिक्स दूसरे नंबर की कंपनी होगी। नई रेफरेंस लैब के बाद, सबअर्बन की टेस्टिंग संख्या करीब 4 गुना तक बढ़ने का अनुमान है।