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ऑफिस में रेड के बाद क्या बोले Byju’s के CEO? जानें

Last Updated- May 01, 2023 | 9:52 PM IST
Byju’s की विफलता के जाहिर थे संकेत, The spectacular flameout of Byju's

हाल ही में भारत के सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप Byju’s, के दफ्तर में देश की मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली एजेंसी ने रेड की। अब कंपनी अपने कर्मचारियों और पार्टनरों को समझाने की कोशिश में है कि सब कुछ ठीक-ठाक है, चिंता करने की कोई बात नहीं है। एजेंसी ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने (ED) बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप के ऑफिस की तलाशी ली और दस्तावेजों और डिजिटल डेटा को जब्त कर लिया। जांच विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (Foreign Exchange Management Act) के तहत हो रही है।

बायजू रवींद्रन, स्टार्टअप के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) ने कर्मचारियों को एक लेटर के जरिए बताया, ‘Byju’s ने सभी लागू विदेशी मुद्रा कानूनों का पूरी तरह से पालन करने के लिए सभी प्रयास किए हैं और हमारे सभी क्रॉस-बॉर्डर लेनदेन को हमारे प्रोफेशनल एडवाइजर/काउंसिल और इन्वेस्टमेंट फंड के एडवाइजर/काउंसिल और अन्य इस मामले में जानकारी रखने वाली पार्टियों द्वारा विधिवत जांच की गई है।’

जांच ऐसे समय में हुई है जब 22 अरब डॉलर मूल्य वाली यह कंपनी लिक्वीडिटी की कमी को दूर करने के लिए धन जुटाने के लिए निवेशकों के साथ बातचीत कर रही है। गौर करने वाली बात है कि कंपनी पिछले साल 31 मार्च को समाप्त हुए वर्ष के लिए अपने वित्तीय खातों को दर्ज नहीं कर सकी। नतीजतन, कंपनी को 1.2 बिलियन डॉलर का कर्ज देने वाले लेनदार कर्ज की शर्तों में बदलाव की मांग कर रहे हैं। कंपनी लेनदारों की मांगों को पूरा करने की कोशिश कर रही है।

रवींद्रन ने लिखा है कि कंपनी ने विकास रणनीति के लिए कई विदेशी अधिग्रहण किए थे और डील के पेमेंट के लिए विदेश में फंड ट्रांसफर किया था। उन्होंने कहा कि सभी लेन-देन जरूरी डॉक्यूमेंट के साथ रेगुलर बैंकिंग चैनलों के जरिए किए गए थे। उन्होंने कहा कि 70 से अधिक निवेशकों ने बायजू में निवेश किया है और उन्होंने पूरी तरह से जांच पड़ताल की है। उन्होंने कहा, ‘हमें विश्वास है कि अधिकारी भी उसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे।’

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बायजू रवींद्रन ने 2015 में अपने नाम के स्टार्टअप की स्थापना की। फर्म, जिसकी मूल कंपनी को पहले थिंक एंड लर्न प्राइवेट के रूप से जाना जाता था, स्टार्टअप्स दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से है। जो पिछले एक दशक में भारत के बढ़ते मोबाइल कनेक्शन और विदेशी निवेश के दम पर अपना नाम बनाने में कामयाब हुई है।

रवींद्रन ने लिखा, ‘आखिर में, मैं भारत और दुनिया भर में शिक्षा को बदलने के हमारे मिशन के प्रति आपकी निरंतर कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए आप सभी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं’ ‘मैं समझता हूं कि इस खबर ने चिंता पैदा की हो सकती है और मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम अपने छात्रों और हमारे विजन के साथ खड़े रहें।’

First Published - May 1, 2023 | 9:52 PM IST

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