प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
केरल उच्च न्यायालय ने आर्थिक संकटों का सामना कर रही एडटेक फर्म बैजूस की मूल कंपनी थिंक ऐंड लर्न प्राइवेट के समाधान पेशेवर (आरपी), ग्लास ट्रस्ट कंपनी एलएलसी के अधिकृत प्रतिनिधि और अर्न्स्ट ऐंड यंग (ईवाई) इंडिया एलएलपी के प्रमुख को बैजूस की विदेशी संपत्तियों से संबंधित अवमानना कार्यवाही में 5 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। इनमें बैजूस के आरपी शैलेंद्र अजमेरा, ग्लास की ओर से सुनील थॉमस और ईवाई इंडिया के प्रमुख राजीव मेमानी शामिल हैं।
यह आदेश अवमानना मामले (सी) संख्या 1201/2025 में दिया गया था, जो ओपी(सी) संख्या 1187/2025 में न्यायालय के 21 मई 2025 के पहले के फैसले के बाद आया है। इसने एपिक! क्रिएशंस इंक और टैंजिबल प्ले इंक (ओस्मो) सहित बैजूस की प्रमुख विदेशी सहायक कंपनियों को अलग करने से रोक दिया था। इस संरक्षण के बावजूद अदालती दस्तावेज में आरोप लगाया गया कि अमेरिका में चल रही दिवाला कार्यवाही और संपत्ति की बिक्री उसी टर्म लोन बी (टीएलबी) ऋण का उपयोग करके की गई थी जो भारत में ग्लास के दावे को दर्शाती है।
अवमानना मामले में बैजूस के सह-संस्थापक ऋजु रवींद्रन की ओर से दायर जवाबी हलफनामा अदालत के समक्ष धोखाधड़ीपूर्ण दोहरे वसूली ढांचे के आरोपों का सबूत पेश करता है। इसमें कहा गया है कि टैंजिबल प्ले, ग्रेट लर्निंग, बैजूस अल्फा इंक, एपिक! और टिंकर जैसी बैजूस की सहायक कंपनियों का अधिग्रहण लगभग 1.42 अरब डॉलर की कुल लागत पर किया गया, जो कंपनी के वैश्विक संचालन का मूल आधार है।
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इन विदेशी सहायक कंपनियों को कथित तौर पर समाधान पेशेवर के फॉर्म जी (अभिरुचि पत्र) से इस साल 25 अगस्त और 24 सितंबर से हटा दिया गया था, जिससे संभावित बोलीदाताओं को बैजूस के परिसंपत्ति आधार की कृत्रिम रूप से कम करके आंकी गई तस्वीर पेश की गई और भारत की कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में मूल्य को दबाया गया।