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पुराने स्लॉट पर जेट को नहीं मिला आश्वासन

Last Updated- December 12, 2022 | 7:31 AM IST

सरकार ने नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) को आश्वस्त किया है कि ट्रिब्यूनल से समाधान योजना की मंजूरी के बाद जेट एयरवेज को स्लॉट के लिए फिर से आवेदन करना होगा। लेकिन विमानन मंत्रालय व डीजीसीए का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील श्याम मेहता ने इस पर टिप्पणी नहीं की कि क्या जेट एयरवेज को तब पुराना स्लॉट मिल जाएगा जब नई मालिक कालरॉक-जालान कंसोर्टियम नए स्लॉट के लिए आवेदन करेगी। इस बात पर उन्होंने कहा कि सरकार इस पर विचार करेगी।
कंसोर्टियम का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा कि जेट एयरवेज को स्लॉट का आवंटन करते समय सरकार को एतिहासिकता के सिद्धांत पर विचार करना चाहिए, जिसका मतलब यह हुआ कि उसे पुराने स्लॉट वापस मिलने चाहिए।
एनसीएलटी पीठ ने डीजीसीए व विमानन मंत्रालय को निर्देश दिया कि जेट एयरवेज को स्लॉट के आवंटन पर वह शपथपत्र दाखिल करे और पीठ ने नियामक व मंत्रालय का बयान भी रिकॉर्ड किया कि उन्हें कालरॉक-जालान कंसोर्टियम की समाधान योजना पर कोई आपत्ति नहीं है। अगली सुनवाई 9 मार्च को होगी।
विमानन कंपनी फिर से शुरू करने के लिए स्लॉट की उपलब्धता अहम है, जिसने दिवालिया प्रक्रिया का सामना किया है और दो साल से बंद पड़ी है। जब उसका परिचालन बंद हुआ तो जेट एयरवेज के पास ऐसे 700 जोड़े स्लॉट थे, जिनमें दिल्ली व मुंबई एयरपोर्ट के 116 व 214 स्लॉट शामिल हैं। एयरपोर्ट स्लॉट पेयर्स किसी एयरपोर्ट या सिविल एविएशन अथॉरिटी की तरफ से विमानन कंपनी को दी गई समयसारणी है। दिवालिया विमानन कंपनी ने आखिरी बार 17 अप्रैल, 2019 को उड़ान भरी थी, लेकिन अब दिवालिया संहिता के तहत कामयाब समाधान प्रक्रिया के जरिए स्वामित्व में बदलाव हो रहा है। विमानन कंपनी के लेनदारों ने ब्रिटिश कंपनी कालरॉक कैपिटल व संयुक्त अरब अमीरात के उद्यमी मुरारी लाल जालान के कंसोर्टियम की 1,000 करोड़ रुपये की बोली को मंजूरी दी है, जो विमानन कंपनी को पटरी पर लाने व उसके परिचालन के लिए है।
बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए हालिया साक्षात्कार में कंसोर्टियम के मालिक मुरारी लाल जालान ने कहा था कि उन्हें स्लॉट की उपलब्धता के संबंध में किसी तरह की चुनौती नजर नहींं आ रही है।

First Published - March 3, 2021 | 11:52 PM IST

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