जेपी इन्फ्रा: सुरक्षा ने बढ़ाई रकम

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:56 AM IST

मुंबई के सुरक्षा समूह ने जेपी इन्फ्राटेक के लिए अपनी पेशकश को संशोधित करते हुए बढ़ा दिया है। संशोधित पेशकश के तहत सुरक्षा समूह ने जेपी इन्फ्राटेक के वित्तीय लेनदारों के लिए रकम को 1,298 करोड़ रुपये बढ़ाकर 7,736 करोड़ रुपये कर दिया है। इसके अलावा समूह ने जेपी के ग्राहकों के लिए मकानों के निर्माण में तेजी लाने के लिए 300 करोड़ रुपये के अतिरिक्त अंतरिम वित्तपोषण की पेशकश की है। सुरक्षा समूह की ओर से जेपी इन्फ्राटेक के लेनदारों की समिति को आज यह पेशकश की गई।
जेपी इन्फ्राटेक को अगस्त 2017 में नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के पास भेजा गया था क्योंकि वह अपने 22,000 करोड़ रुपये के ऋण की अदायगी में विफल रही थी। तभी से कंपनी विभिन्न मुकदमेबाजी में फंसी हुई है और लेनदारों की समिति द्वारा किसी समाधान योजना को अंतिम रूप देने में देरी हुई। सुरक्षा समूह के अलावा सरकार की स्वामित्व वाली कंपनी एनबीसीसी ने भी कंपनी के लिए अपना प्रस्ताव दिया है। इन दोनों प्रस्तावों में पिछले बकाये को चुकाने के लिए लेनदारों और मकान मालिकों को भूमि बैंक का एक हिस्सा देना शामिल है।
लेनदारों की समिति एनबीसीसी और सुरक्षा समूह के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए 10 जून को बैठक करेगी। बैठक में दोनों प्रस्तावों पर मतदान के जरिये कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। लेनदारों की समिति में मकान मालिक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
एनबीसीसी ने अपनी प्रस्तुति में वित्तीय लेनदारों को 1,900 एकड़ भूमि के साथ भूमि बैंक कंपनी की 100 फीसदी शेयर हिस्सेदारी की पेशकश की है। वित्तीय लेनदारों ने एनबीसीसी के इस समाधान प्रस्ताव के लिए अपनी सहमति दी है। इसके अलावा एनबीसीसी ने भूमि और यमुना एक्सप्रेसवे के रियायत अधिकार सहित एक्सप्रेसवे एसपीवी में 90 फीसदी हिस्सेदारी को हस्तांतरित करने के लिए भी अपनी सहमति दी है।
प्रस्ताव में यमुना एक्सप्रेसवे की 4,660 एकड़ भूमि और यमुना एक्सप्रेसवे के साथ-साथ सुविधाओं के विकास के लिए 137.85 एकड़ वाणिज्यिक उपयोग वाली भूमि शामिल है। एनबीसीसी ने अतिरिक्त 100 एकड़ भूमि की भी पेशकश की है जिसे पिछले विलंब दंड के मद्देनजर मकान खरीदारों के भुगतान के लिए रखा जाएगा।
जेपी इन्फ्राटेक के कई मकान खरीदार पिछले 11 साल से अधिक समय से अपने मकान की चाबी पाने का इंतजार कर रहे हैं। जेपी इन्फ्राटेक दिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे और उसके आसपास की भूमि की मालिक है। इसलिए कंपनी में दोनों निर्माण कंपनियों- एनबीसीसी और सुरक्षा समूह की दिलचस्पी बढ़ गई है।
एनबीसीसी ने कहा कि उसकी योजना में एक्सप्रेसवे एसपीवी द्वारा एनसीडी (गैरपरिवर्तनीय डिबेंचर) के जरिये 2,000 करोड़ रुपये की ताजा रकम जुटाना भी शामिल है।
इसके अलावा, एक्सप्रेसवे एसपीवी भविष्य में यमुना एक्सप्रेसवे से संबंधित टोल नकदी प्रवाह को गिरवी रखकर ऋणदाताओं से ताजा ऋण भी जुटा सकती है। इस प्रकार जुटाई गई रकम का इस्तेमाल ऋणदाताओं की अदायगी में किया जाएगा।
एनबीसीसी ने कहा कि वह अपने अस्पताल कारोबार को बेच देगी  और उससे प्राप्त रकम का उपयोग लेनदारों के भुगतान में किया जाएगा।
लेनदार मतदान पर कोई अंतिम निर्णय लेने से पहले दोनों प्रस्तावों को अपनी कानूनी टीम के पास भेजेंगे। यह कंपनी के लिए बोली प्रक्रिया का चौथा दौर है। सर्वोच्च न्यायालय के 24 मार्च के आदेश के अनुसार, एक निश्चित समय-सीमा के भीतर समाधान योजना को अंतिम रूप देना होगा। लेनदार समय-सीमा को 30 दिनों के लिए आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।

First Published : June 7, 2021 | 11:45 PM IST