प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
नई दिल्ली की रियल एस्टेट कंपनी जयप्रकाश इन्फ्राटेक लिमिटेड, जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) के अधिग्रहण के लिए अपनी बोली नामंजूर किए जाने को अदालत में चुनौती देने की तैयारी कर रही है। इससे सीमेंट और बुनियादी ढांचा क्षेत्र की इस दिवालिया कंपनी के समाधान में और देरी हो सकती है।
इस मामले से अवगत सूत्रों के अनुसार जेएएल के ऋणदाताओं ने अपर्याप्त बयाना राशि (ईएमडी) का हवाला देते हुए जयप्रकाश इन्फ्राटेक के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। कंपनी ने लगभग 100 करोड़ रुपये की जमा राशि के बदले सावधि जमा पर ग्रहणाधिकार (देनदार की संपत्ति या अन्य परिसंपत्तियों पर दावा अथवा कानूनी अधिकार) का प्रस्ताव रखा था, लेकिन निर्धारित प्रारूप में राशि जमा न करने और प्रस्ताव दाखिल करने में देरी के कारण बोली खारिज कर दी गई।
कंपनी के एक करीबी सूत्र ने बातचीत की गोपनीयता का हवाला देते हुए नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘सावधि जमा पर ग्रहणाधिकार कानूनी रूप से वैध था और समय पर जमा किया गया था। हमारे पास अदालत जाने और दौड़ में बने रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।’
जून 2024 में मुंबई के सुरक्षा समूह ने जयप्रकाश इन्फ्राटेक का अधिग्रहण किया था। वर्तमान में वह उन ग्राहकों के लिए लंबे समय से लंबित आवास परियोजनाओं को पूरा करने पर केंद्रित है, जिन्होंने एक दशक से अधिक समय से प्रतीक्षा की है। दूसरी तरफ जेएएल को ऋण समाधान के लिए भेजा गया था, क्योंकि कंपनी ने भारतीय ऋणदाताओं को लगभग 57,000 करोड़ रुपये के ऋण नहीं चुकाए थे। इस साल मार्च में ऋणदाताओं ने अपनी बकाया राशि राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्गठन कंपनी को हस्तांतरित कर दी थी।