facebookmetapixel
Yearender 2025: टैरिफ और वैश्विक दबाव के बीच भारत ने दिखाई ताकतक्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए जरूरी अपडेट! नए साल से होंगे कई बड़े बदलाव लागू, जानें डीटेल्सAadhaar यूजर्स के लिए सुरक्षा अपडेट! मिनटों में लगाएं बायोमेट्रिक लॉक और बचाएं पहचानFDI में नई छलांग की तैयारी, 2026 में टूट सकता है रिकॉर्ड!न्यू ईयर ईव पर ऑनलाइन फूड ऑर्डर पर संकट, डिलिवरी कर्मी हड़ताल परमहत्त्वपूर्ण खनिजों पर चीन का प्रभुत्व बना हुआ: WEF रिपोर्टCorona के बाद नया खतरा! Air Pollution से फेफड़े हो रहे बर्बाद, बढ़ रहा सांस का संकटअगले 2 साल में जीवन बीमा उद्योग की वृद्धि 8-11% रहने की संभावनाबैंकिंग सेक्टर में नकदी की कमी, ऋण और जमा में अंतर बढ़ापीएनबी ने दर्ज की 2,000 करोड़ की धोखाधड़ी, आरबीआई को दी जानकारी

… चलेगा ‘वोट मैजिक’ जादू

Last Updated- December 10, 2022 | 7:12 PM IST

आगामी चुनावों में आंध्र प्रदेश में ‘वोट मैजिक’ साफ्टवेयर यहां के उम्मीदवारों के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण साबित हो सकता है। यह एक ऐसा साधन है जो किसी भी निर्वाचन-क्षेत्र में हर एक मतदाता को ढूंढ निकालेगा।
हैदराबाद की एक आईटी कंपनी यूनीविस्टा सॉफ्ट टेक ने वोट मैजिक को विकसित किया है। कंपनी का दावा है कि यह देश का अपने किस्म का पहला सॉफ्टवेयर है। कंपनी का यह भी कहना है कि यह सॉफ्टवेयर निर्वाचन-क्षेत्र के हरेक मतदाता को प्रभावी तरीके से ट्रैक करने में सक्षम होगा।
यूनीविस्टा के प्रबंध निदेशक वी भारती का कहना है, ‘इस सॉफ्टवेयर को विकसित करने के पीछे मुख्य विचार यह है कि चुनाव में हरेक मतदाता की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके ताकि चुनाव लड़ रहे प्रतिद्वंद्वियों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो।’
प्रत्येक निर्वाचन-क्षेत्र में एक उम्मीदवार को सिर्फ एक ही वोट मैजिक सॉफ्टवेयर बेचा जाएगा। मतदाताओं को लक्षित करने के लिए उम्मीदवार इस वोट मैजिक सॉफ्टवेयर की मदद से निजी पत्र सृजन कर सकेंगे और साथ ही चिपकाने योग्य पता लिखी पर्चियां भी निकाल सकेंगे।
इसके अलावा, उम्मीदवार इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से मतदाताओं को एसएमएस भी भेज सकते हैं। उम्मीदवार को प्रति एसएमएस 1 पैसे भुगतान करना होगा। उम्मीदवार 35 पैसे में प्रिंट करने योग्य चुनाव पर्चियां भी निकाल सकते हैं, जिसमें पेपर की कीमत भी शामिल है।
वोट मैजिक सॉफ्टवेयर में समूह बनाने की भी सुविधा है, जो कि मतदाताओं को अलग-अलग समूहों में बांटती है। कोई नेता या समूह अध्यक्ष या फिर बूथ स्तरीय समिति सदस्यों द्वारा उन समूहों की निगरानी की जा सकती है। भारती ने बताया, ‘इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर उम्मीदवार मतदाताओं के नाम और उम्र के जरिए उसके घर का पता लगा सकते हैं।
निस्संदेह व्यापक चुनाव अभियान चलाने के लिए उम्मीदवारों को इससे मदद मिलेगी। इस सॉफ्टवेयर के जरिए उम्मीदवार समर्थक मतदाताओं का भी पता लगा सकते हैं। अब इस सॉफ्टवेयर के आ जाने से उम्मीदवारों को आवधिक सर्वेक्षण या फिर विश्लेषण परिणामों को खंगालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।’
राज्य में पहले से ही चार उम्मीदवारों-दो भारतीय जनता पार्टी और दो कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के लिए वोट मैजिक सॉफ्टवेयर कार्यान्वित किया जा चुका है। इस सॉफ्टवेयर में प्रत्येक निर्वाचन-क्षेत्र से जुड़े बूथवार मतदाताओं के आंकड़े मुहैया कराने की सुविधा दी गई है।
अगर कोई उम्मीदवार अपने निर्वाचन-क्षेत्र में किसी मतदाता का उम्र, लिंग, वोट कार्ड संख्या, घर संख्या, जाति, धर्म, ई-मेल आईडी या फिर मोबाइल नंबर चाहता है तो उसे इस सॉफ्टवेयर से सहज ही मिल जाएगा।
भारती ने बताया, ‘वर्तमान में हम इस सॉफ्टवेयर को 2.50 रुपये प्रति मतदाता के हिसाब से बेच रहे हैं। इस सॉफ्टवेयर की जानकारी के लिए प्रतिदिन हमारे पास लगभग 40 लोग आ रहे हैं। हमें उम्मीद है कि सभी 294 निर्वाचन क्षेत्रों के उम्मीदवार इस सॉफ्टवेयर को खरीदेंगे। सभी उम्मीदवार इस सॉफ्टवेयर का 25 मार्च से इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे।’
भारती ने यह भी बताया कि वर्तमान में कंपनी इसी तरह के अन्य सॉफ्टवेयर को तमिलनाडु और अन्य राज्यों के लिए भी तैयार कर रही है।

First Published - March 7, 2009 | 3:46 PM IST

संबंधित पोस्ट