facebookmetapixel
ED का 1xBet सट्टेबाजी मामले में बड़ा एक्शन, सुरेश रैना और शिखर धवन की ₹11.14 करोड़ की संपत्ति जब्तअब दो दिशाओं में दौड़ेगी Tata Motors! एक घरेलू बाजार पर फोकस, दूसरी ग्लोबल लग्जरी परNFO: Helios MF का स्मॉल कैप फंड लंबी अवधि में बनाएगा वेल्थ? ₹1,000 की SIP से निवेश शुरूKotak MF ने उतारा रूरल अपॉर्च्यूनिटीज फंड, ₹500 की SIP से निवेश शुरू; इस नई स्कीम में क्या है खास?Ola Electric के ऑटो बिजनेस ने Q2 में पहली बार दर्ज किया ऑपरेटिंग प्रॉफिटSBI MF का IPO आने वाला है! SBI और AMUNDI बेचेंगे हिस्सा, निवेशकों के लिए सुनहरा मौका30% तक उछल सकता है Adani Power का शेयर! मॉर्गन स्टैनली ने भी जताया भरोसामनी लॉन्ड्रिंग केस में अनिल अंबानी को ED का फिर समन, 14 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलायागोल्डमैन सैक्स ने इन 5 भारतीय स्टॉक्स को ‘कन्विक्शन लिस्ट’ में किया शामिल, 54% तक तेजी का अनुमानम्यूचुअल फंड्स में Over Diversification का जाल! कम फंड्स में कैसे पाएं बेहतर रिटर्न

पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी की नजर विदेश पर

Last Updated- December 10, 2022 | 1:56 AM IST

यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम ऐंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) अगले पांच साल में दुबई, कतर, वियतनाम, मिस्र, नाइजीरिया, सूडान और कजाकस्तान में कैम्पस स्थापित करने की योजना बना रही है।
यूपीईएस के उप-कुलपति पारंग दीवान ने कहा, ‘इनमें से कुछ अंतरराष्ट्रीय परिसरों की स्थापना अगले साल की जा सकती है, क्योंकि वहां प्रतिभा विकास की जरूरत महसूस की जा रही है।
इन देशों में परिसर की स्थापना के लिए हमने संयुक्त उपक्रमों के लिए स्थानीय भागीदारों की पहचान की है।’ विश्वविद्यालय के देश में तीन कैम्पस हैं जो देहरादून, गुड़गांव और राजामुंदड़ी (आंध्र प्रदेश) में हैं। विश्वविद्यालय अपने विदेशी भागीदारों के साथ संबंध मजबूत बनाने पर भी ध्यान दे रहा है।
यह यूनिवर्सिटी ऑफ ओक्लाहोमा और एडीलेड यूनिवर्सिटी जैसे आस्ट्रेलियाई और अमेरिकी विश्वविद्यालयों के संपर्क में है। यूपीईएस ने संयुक्त शोध, फैकल्टी एक्सचेंज और स्टूडेंट एक्सचेंज कार्यक्रमों के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
हालांकि मौजूदा वैश्विक मंदी के असर से यूपीईएस भी बच नहीं पाया है। कई बड़ी कंपनियां इस बार प्लेसमेंट के दौरान उसके कैम्पस का दौरा नहीं कर रही हैं।
विश्वविद्यालय अब छोटी कंपनियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। दीवान ने कहा, ‘पिछले साल तकरीबन 285 कंपनियां प्लेसमेंट में शामिल हुई थीं। इस साल यह संख्या काफी कम है, लेकिन हमें उम्मीद है कि अगले दो-तीन महीनों में 90 फीसदी छात्रों को प्लेसमेंट में शामिल करेंगे। वेतन पैकेज भी 2008 के स्तरों पर ठहरा हुआ है।’

First Published - February 22, 2009 | 11:36 PM IST

संबंधित पोस्ट